गणपति जी की इस विधि से करें पूजा मनोकामनाएं होंगी पूरी

गणेश जयंती का व्रत रखने और गणपति की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं,

Update: 2022-02-02 03:12 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस वर्ष गणेश जयंती 04 फरवरी दिन शुक्रवार को है. इस दिन माघ माह के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) है. विघ्नहर्ता श्री गणेश जी का जन्म (Lord Ganesha Birthday) माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था. इस दिन गणेश जयंती मनाई जाती है. गणेश जयंती का व्रत रखने और गणपति की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बिगड़े काम भी बन जाते हैं, बाधाएं एवं संकट दूर होते हैं और कार्यों में सफलता मिलती है. आइए जानते हैं कि गणेश जयंती व्रत एवं पूजा विधि (Vrat And Puja Vidhi) के बारे में.

गणेश जयंती 2022 व्रत एवं पूजा विधि
1. गणेश जयंती से एक दिन पूर्व यानी 03 फरवरी से सात्विक भोजन ग्रहण करें. तामसिक भोजन और विचारों से दूर रहें. कोई भी व्रत करने से पूर्व व्यक्ति को मन, वचन और कर्म से शुद्ध होना जरूरी है.
2. गणेश जयंती के दिन प्रात:काल में स्नान करने के बाद लाल या पीले वस्त्र धारण करें. फिर फूल, अक्षत् और जल लेकर गणेश जयंती व्रत एवं गणेश पूजा का संकल्प लें.
3. इसके बाद एक चौकी पर गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित कर दें. उनका अभिषेक करें. उनको लाल पुष्प, चंदन, अक्षत्, रोली, धूप, दीप, गंध, जनेऊ आदि अर्पित करें. इस दौरान ओम गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करते रहें.
4. गणेश जी को दूर्वा पसंद है. उनको कम से कम 21 गांठ दूर्वा अर्पित करें. अब लड्डू या मोदक का भोग लगाएं.
5. गणेश चालीसा का पाठ और गणेश मंत्र का जाप करें. फिर चतुर्थी व्रत कथा का पाठ या गणेश जी की जन्म कथा का श्रवण करें.
6. पूजा के अंत में गणेश जी की विधिपूर्वक आरती कपूर या घी के दीपक से करें.
7. गणेश जयंती के दिन आपको दान भी करना चाहिए. दान करने से आपके ग्रह दोष दूर होंगे और शुभता बढ़ेगी.
8. दिनभर फलाहार करते हुए भगवत जागरण करें. आज के दिन भूलवश भी चंद्रमा का दर्शन न करें, वरना आप पर झूठे कलंक लग सकते हैं.
9. रात्रि के समय में आप पारण करते हैं, तो उस समय करें या फिर अगले दिन प्रात:काल गणेश वंदना के बाद पारण करके व्रत को पूरा करें.
10. गणेश जयंती के दिन लक्ष्मी विनायक मंत्र ओम श्रीं सौम्याय सौभाग्याय गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानाय स्वाहा। का जाप करते हैं, तो धन, सुख, समृद्धि बढ़ेगी, संकट दूर होंगे.


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