मई के महीने में कब है प्रदोष व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार हर महीने में दो पक्ष होते हैं
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार हर महीने में दो पक्ष होते हैं. इसमें एक कृष्ण पक्ष है और दूसरा शुक्ल पक्ष है. कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है. ये तिथि महीने में दो बार होती है. इस दिन प्रदोष व्रतरखा जाता है. भगवान शिव (Pradosh Vrat) की विधि-विधान से पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को रखने से सारी मनोकामनाएं(Lord Shiv)पूरी होती हैं. हिंदू धर्म में इस व्रत को बहुत ही फलदायी माना गया है. इसे रखने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. मई महीने में ये व्रत कब रखा जाएगा. इस व्रत की पूजा विधि क्या है और इसका महत्व क्या है आइए जानें.
कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत
हिंदी पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 13 मई 2022 शुक्रवार को पड़ रही है. इस दिन प्रदोष का व्रत रखा जाएगा. इस तिथि की शुरुआत शाम 5:27 से होगी. इस तिथि का समापन 14 मई शनिवार को दोपहर 03:22 बजे होगा. इस व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. प्रदोष काल 13 मई को प्राप्त होगा. इसलिए प्रदोष का व्रत 13 मई को रखा जाएगा. पूजा करने का शुभ मुहूर्त 13 मई 2022 को शाम 7:04 से रात्रि 09:09 तक रहेगा. इस दिन शाम 3:45 से सिद्धि योग लग रहा है.
शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है इस दिन व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. इस दिन व्रत रखने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस व्रत को रखने से संतान प्राप्ति की इच्छा जल्द पूरी होती है. ये व्रत बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फलदायी माना गया है. इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है.
इस विधि से करें पूजा
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. साफ कपड़े पहनें. पूजा घर की सफाई करें. भगवान को स्नान कराएं. नए वस्त्रों से सुसज्जित करें. शिव लिंग को स्नान कराएं. भगवान शिव को याद करते हुए व्रत और पूजा संकल्प करें. शाम को शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में भगवान शिव और पार्वती की पूजा करें. पूजा के दौरान शिवलिंग को गंगाजल और गाय के कच्चे दूध से स्नान कराएं. ये बहुत ही फलदायी होता है पूजा के बाद शिव चालीसा का पाठ करें. शिव जी की आरती करें. प्रसाद का भोग लगाएं.