कब है फाल्गुन अमावस्या, जानिए शुभ मुहूर्त और नियम

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या होगी

Update: 2022-02-18 02:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस वर्ष फाल्गुन माह का प्रारंभ 17 फरवरी से हुआ है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या होगी, जिसे फाल्गुन अमावस्या कहते हैं. फाल्गुन अमावस्या 02 मार्च दिन बुधवार को है. फाल्गुन अमावस्या के दिन नदियों में स्नान करने और दान देने की परंपरा है. ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. फाल्गुन अमावस्या को पितरों के लिए पूजा पाठ करते हैं. उनकी आत्म तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म होता है. पितृदोष (Pitra Dosh) और कालसर्प दोष (Kalsarp Dosh) से मुक्ति के लिए भी अमावस्या तिथि पर उपाय किए जाते हैं. आइए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या तिथि (Tithi), मुहूर्त (Muhurat) आदि के बारे में.

फाल्गुन अमावस्या 2022 तिथि एवं मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 01 मार्च दिन मंगलवार को देर रात 01:00 बजे से हो रहा है. इस समय महाशिवरात्रि का समापन होगा. फाल्गुन अमावस्या तिथि 02 मार्च को रात 11 बजकर 04 मिनट तक मान्य है. उदयातिथि के आधार पर
फाल्गुन अमावस्या 02 मार्च को है.
शिव एवं सिद्ध योग में फाल्गुन अमावस्या
इस साल की फाल्गुन अमावस्या शिव एवं सिद्ध योग में है. फाल्गुन अमावस्या के दिन शिव योग सुबह 08 बजकर 21 मिनट तक है. उसके बाद सिद्ध योग लग जाएगा. यह 03 मार्च को प्रात: 05 बजकर 43 मिनट तक रहेगा.
फाल्गुन अमावस्या 2022 पितर पूजा
फाल्गुन अमावस्या के दिन आप पितरों की आत्म तृप्ति के लिए पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण आदि करते हैं, वह दिन में 11:30 बजे से दोपहर 02:30 बजे तक कर लेना चाहिए. अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण करने, श्राद्ध कर्म करने या पिंडदान करने से वे प्रसन्न होते हैं.
पितर प्रसन्न होकर संतान के खुशहाल जीवन का आशीष देते हैं. उनकी कृपा से जीवन में सुख एवं समृद्धि आती है. संतान सुख प्राप्त होता है. यदि पितृ दोष होता है, तो उनका निवारण अमावस्या के दिन कर लेना चाहिए.


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