आज संकष्टी चतुर्थी के दिन कर लें दूर्वा के ये चमत्कारी उपाय, गणपति होंगे आप से प्रसन
19 मई, गुरुवार के दिन ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन गणेश जी की कृपा पाने के लिए भक्त पूजा-अर्चना करते हैं. साथ ही, व्रत आदि रख गणपति की उपासना करते हैं.
19 मई, गुरुवार के दिन ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन गणेश जी की कृपा पाने के लिए भक्त पूजा-अर्चना करते हैं. साथ ही, व्रत आदि रख गणपति की उपासना करते हैं. इस दिन गणपति की प्रिय चीजें उन्हें अर्पित की जाती है. मान्यता है कि गणेश जी को उनकी प्रिय चीजें अर्पित करने से व्यक्ति के सभी विघ्न दूर होते हैं और गणेश जी प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
गणेश जी की प्रिय चीजों में शामिल दूर्वा का इस्तेमाल भी चतुर्थी की पूजा में विशेष रूप से किया जाता है. मान्यता है कि दूर्वा के बिना गणेश जी की पूजा अधूरी मानी जाती है. साथ ही, दूर्वा को मांगलिक कार्यों जैसे गृह प्रवेश, मुंडन, विवाह आदि में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा बुधवार और चतुर्थी की पूजा में भी दूर्वा का इस्तेमाल किया जाता है. इस दिन दूर्वा के कुछ उपाय बेहद चमत्कारी साबित होते हैं. चलिए जानते हैं इन चमत्कारी उपायों के बारे में.
संकष्टी चतुर्थी के दिन दूर्वा के उपाय
अगर आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और आपके पास पैसा नहीं टिकता तो आप गणेश जी या मां लक्ष्मी को गणेश चतुर्थी या किसी शुभ मुहूर्त पर पांच दूर्वा में 11 गांठें लगाकर अर्पित कर दें. ऐसा करने से आर्थिक संकट से जल्द छुटकारा मिलता है.
मन की इच्छा पूर्ति के लिए दूर्वा को गाय के दूध में मिलाकर उसका लेप बना लें और उसे माथे पर तिलक के रूप में लगाएं. ऐसा करने से आपकी मनोकामना जल्द पूरी होगी.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गृह कलेश से मुक्ति पाने के लिए गाय को दूर्वा की हरी घास खिलाएं. ऐसा करने से प्रेम की भावना बढ़ती है.
गणेश चतुर्थी के दिन धन प्राप्ति का उद्देश्य पूरा करने के लिए बुधवार के दिन गणेश जी को 11 या 12 दूर्वा अर्पित करें. इस बात का खास ख्याल रखें कि चढ़ाई गई दूर्वा जोड़े में हो. ऐसा करने से गणेश जी की कृपा मिलती है.
मान्यता है कि गणेश जी की पूजा में दूर्वा का इस्तेमाल करने से कुबेर के समान धन की प्राप्ति होती है.
बुधवार या फिर चतुर्थी के दिन गणेश मंदिर में दूर्वा की 11 गांठें चढ़ाने से गणपति प्रसन्न होते हैं. और बुध दोष दूर होता है. बता दें कि दूर्वा अर्पित करने के लिए किसी साफ जगह से ही दूर्वा को तोड़ना चाहिए.