Pitru Paksh के दौरान बरते ये सावधानी, नाराज हो जाएंगे पूर्वज

Update: 2024-09-22 13:05 GMT
Pitru Paksh पितृपक्ष: पितृ पक्ष 18 सितंबर से शुरू हो चुके हैं। इसमें लोग अपने पूर्वजों का निमित्त तिथिनुसार पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण जैसे कर्म करते हैं। मान्यता है कि पितृ पक्ष के 15 दिनों में सयम से और विधि विधान के अनुसार श्राद्ध कर्म से पितृ संतुष्ट होते हैं और घर से हर तरह की निगेटिविटी दूर हो जाती है, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
लेकिन पितृ पक्ष के दौरान की गई विधियां तभी संपन्न मानी जाती हैं, जब उन्हें पूरे नियम और सावधानी के साथ किया जाए। क्योंकि इस दौरान की गई गलतियों से पितृ नाराज हो सकते हैं। इसकी वजह से पितृ दोष भी लग सकता है। आइ जानते हैं श्राद्ध के लिए क्या करना जरूरी है और क्या नहीं।
ये 3 चीज जरूरी और 3 चीज वर्जित-
त्रीणि श्राद्धे पवित्राणि दौहित्र: कुतपस्तिला:।
वज्यार्णि प्राह राजेन्द्र क्रोधोध्वगमनं त्वरा।।
अर्थात- श्राद्ध कर्म करने के लिए दौहित्र पुत्री का पुत्र या स्वंय का पुत्र, कुपत मध्या का समय और तिल ये तीन चीजें सबसे जरूरी हैं। वइस अनुष्ठान को करते समय, आपको गुस्सा नहीं करना चाहिए, बहुत ज्यादा इधर-उधर नहीं घूमना चाहिए या जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। अपना समय लेना और शांत रहना ज़रूरी है।
श्राद्ध करने वालों को रखनी चाहिए ये सावधानियां
-श्राद्धकर्ता को पितृ पक्ष के दौरान बाल-दाढ़ी नहीं बनवाना चाहिए।
-हर दिन स्नान के करने बाद पितरों का तर्पण करना चाहिए।
-इस समय तेल, उबटन जैसी चीजों का इस्तेमाल न करें।
-श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
-पितृ पक्ष में मांसाहार, मदिरापान और जमीन के नीचे उपजे कंद-मूल जैसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
-श्राद्धकर्ता पितृ पक्ष के दौरान चमड़े की पुरानी चीज, पुराने या काले कपड़े, लोहा, तेल और फिर बासी भोजन का दान नहीं करना चाहिए।
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