Guru Pradosh ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन प्रदोष व्रत को खास बताया गया है जो कि शिव साधना को समर्पित दिन है इस दिन भक्त भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा बरसती है।
पंचांग के अनुसार हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है ऐसे में प्रदोष व्रत हर माह में दो बार पड़ता है इस दिन शिव साधना करने से भक्तों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है और इच्छापूर्ति का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है आषाढ़ माह का दूसरा प्रदोष व्रत 18 जुलाई दिन गुरुवार को किया जाएगा। इस दिन पूजा पाठ के दौरान अगर भगवान शिव का रुद्राभिषेक विधिवत तरीके से किया जाए तो जीवन की सारी परेशानियां व संकट दूर हो जाता है। तो आज हम आपको इसी के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
ऐसे करें शिव का रुद्राभिषेक—
आपको बता दें कि प्रदोष के दिन रुद्राभिषेक करने से पहले श्री गणेश का ध्यान व पूजन करें इसके बाद शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करें फिर दूध, दही, शहद, घी, शक्कर से उनका अभिषेक करें अभिषेक के दौरान मन ही मन ॐ नमः शिवाय: मंत्र का भी जाप करें।
सभी चीजों से अभिषेक करने के बाद अंत में एक बार फिर से गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें इसके बाद शिव जी को चंदन, भस्म का तिलक करें और पुष्प, बेलपत्र, वस्त्र, रुद्राक्ष अर्पित कर उनका श्रृंगार करें अब भोलेनाथ को भोग लगाएं और घी का दीपक समक्ष जलाएं। इसके बाद महादेव की आरती करें और सभी में प्रसाद बांट दें।