हनुमान जी की पूजा में इन विशेष बातों का रखें ध्यान, शनि के प्रकोप से मिलेगी मुक्ति

सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता की पूजा होती है। इसी तरह मंगलवार का दिन पवनपुत्र हनुमान को समर्पित है।

Update: 2021-07-20 03:40 GMT

सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता की पूजा होती है। इसी तरह मंगलवार का दिन पवनपुत्र हनुमान को समर्पित है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा-अराधना विधि विधान से करना चाहिए। मान्यता के अनुसार हनुमान जी कलयुग के देवता माने जाते हैं। वो प्रभु राम के अनन्य भक्त हैं। हनुमान जी अपने भक्तों को किसी भी संकट में नहीं देख सकते हैं। इसलिए इन्हें संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है। श्रद्धा भाव की भक्ति से आप हनुमान जी को प्रसन्न कर सकते हैं। हनुमान जी की पूजा में हमें विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।

हनुमान जी की पूजा करते वक्त ध्यान रखें कि पूजा के लिए कुश का आसन बिछाना चाहिए। कुश का संबंध केतु से है जो स्वयं भगवान हनुमान का अनुसरण करते हैं।
हनुमान जाप के लिए तुलसी औप रुद्राक्ष की माला को सबसे उत्तम माना गया है। हनुमान चालीसा का पाठ बैठकर करना चाहिए जिसमें रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखना चाहिए।
अगर हम हनुमान जी की पूजा सुबह करते हैं तो प्रसाद में गुड़ या नारियल का भोग लगाना चाहिए और अगर यही पूजा शाम में करते हैं तो फल का भोग लगाना चाहिए।
सुबह-सुबह सिंदूर को चमेली के तेल में मिलाकर हनुमान जी को लगाना चाहिए। इससे हनुमान जी का प्रकोप शांत होता है।
मंगलवार के दिन हनुमान की पूजा के साथ-साथ तुलसी की माला से राम नाम का जाप बहुत लाभकारी होगा। इससे हनुमान जी अति प्रसन्न हो जाते हैं।
हनुमान पूजा की पूजा से शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति मिलती है। शनिदेव के कुदृष्टि से स्वयं त्रिदेव भी नहीं बच पाये हैं। लेकिन भगवान हनुमान ने शनिदेव को रावण के बंधन से मुक्त करवाया था।


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