आज से कार्तिक मास शुरू, इन नियमों का पालन करने से रोग और दुख व्यक्ति के आसपास भी नहीं भटकेंगे
आज गुरुवार के दिन से कार्तिक मास की शुरुआत होने जा रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार ये साल का आठवां महीना होता है और भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज गुरुवार के दिन से कार्तिक मास की शुरुआत होने जा रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार ये साल का आठवां महीना होता है और भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है. शास्त्रों में कार्तिक के महीने को सर्वश्रेष्ठ माह बताया गया है और धन, सुख, समृद्धि, शांति देने वाला कहा गया है. साथ ही रोगनाशक और शोकनाशक माना गया है.
कार्तिक के महीने में ही भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा से जागते हैं. इसके बाद उनका विवाह तुलसी के साथ कराया जाता है. मान्यता है कि कार्तिक माह में भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करने और पुण्य कार्य करने से व्यक्ति के तमाम पाप कट जाते हैं. शास्त्रों में भी तुलसी को मोक्षदायनी बताया गया है. इस महीने में कुछ नियमों का पालन किया जाए तो रोग और दुख व्यक्ति से दूर हो जाते हैं. जानिए कार्तिक माह में किन नियमों का पालन जरूरी माना गया है.
कार्तिक माह में जरूर करें इन 5 नियमों का पालन
1. हर रोज शाम के समय तुलसी के नीचे दीपक जरूर जलाएं. माना जाता है कि इस माह में व्यक्ति की सभी बातें तुलसी के जरिए ही भगवान नारायण तक पहुंचती हैं. तुलसी नारायण को अति प्रिय हैं.
2. कार्तिक महीने में उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राईं आदि नहीं खाना चाहिए. साथ ही लहसुन, प्याज, मांसाहर और शराब का सेवन भी छोड़ दें. साथ ही भूमि पर शयन करना चाहिए. इस महीने में पूरी तरह से सात्विक जीवन जीना चाहिए.
3. कार्तिक मास में इंद्रिय संयम की भी बात कही गई है क्योंकि सात्विक जीवन तन से ही नहीं, मन से भी होना चाहिए. ऐसे में व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. साथ ही लोगों की निंदा, चुगली, विवाद, खाने के प्रति आसक्ति, अत्यधिक नींद लेने आदि की आदत का त्याग करना चाहिए. ये महीना पूरी तरह से तप करने वाला माह माना गया है.
4. कार्तिक माह में गंगा स्नान भी बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. लेकिन आपके लिए ये संभव न हो तो आप रोजाना नहाते समय किसी बाल्टी में थोड़ा गंगा जल डालकर स्नान कर सकते हैं.
5. भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इसके लिए भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप, विष्णु सहस्त्रनाम, गीता का पाठ और यज्ञ आदि करना चाहिए. इसके अलावा कार्तिक माह को दान का महीना माना जाता है. ऐसे में आपके जिसको अपनी सामर्थ्य के अनुसार जो दान दे सकते हों, वो दें. लोगों की मदद करें और पुण्य कार्य करें. इससे बेहद शुभ फल प्राप्त होते हैं.