हर घर में मंदिर तो बना हुआ होता ही हैं फिर वह चाहे छोटा हो या बड़ा। सभी अपने इष्टदेव को उस मंदिर में विराजते है और उनकी पूजा की जाती हैं। हिन्दू धर्म में अधिकतर घरों में कृष्ण कन्हैया के बाल रुप को पूजन किया जाता हैं और मंदिर में उनकी सेवा की जाती हैं। जिस तरह घर में बच्चों का ध्यान रखा जाता हैं उसी तरह कान्हा का ख्याल रखा जाता हैं। लड्डू गोपाल को भोग लगाने के बाद ही घर में भोजन किया जाता हैं। लेकिन इससे जुड़े भी कुछ नियम होते हैं जिनका पालन करना बहुत जरूरी हैं। आज इस कड़ी में हम आपको लड्डू गोपाल को भोग लगाने के नियमों की जानकारी देने जा रहे हैं।
सबसे पहला भोग
सबसे पहले सुबह उठते ही लड्डू गोपाल को भोग लगाना चाहिए। सुबह को उठकर 6 से 7 बजे के मध्य सबसे पहले घंटी या फिर लयबद्ध तरीके से ताली बजाते हुए, लड्डू गोपाल को जगाना चाहिए फिर इसके बाद उन्हें दूध पिलाना चाहिए। भोग लगाए हुए दूध को पी सकते हैं या फिर चाय में बनाने में उपयोग कर लें। पहला भोग सुबह उठते ही लगाना होता है तो बिना स्नान किए मुंह-हाथ धोकर भी लगा सकते हैं लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आप अपवित्र न हो।
दूसरा भोग
इसके कुछ समय बाद स्वयं स्नान करें और उसके बाद लड्डू गोपाल को स्नान करवाने के बाद उन्हें स्वच्छ वस्त्र पहनाएं और तिलक करने के बाद दूसरा भोग लगाएं। इस भोग में प्रतिदिन उन्हें दही अवश्य अर्पित करना चाहिए। कृष्ण जी को माखन, मिश्री और दही अति प्रिय हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि माखन एक दम शुद्ध हो, इसलिए कृष्ण जी को घर पर बने माखन का भोग ही लगाना चाहिए। इसके अलावा मौसमी फलों का भोग भी लगाना चाहिए।
तीसरा भोग
दोपहर के समय उस भोजन का भोग लगा सकते हैं जो स्वयं के लिए बनाया हो, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि भोजन सात्विक होना चाहिए। उसमें लहसुन और प्याज कुछ भी नहीं होना चाहिए। इसके अलावा आप घर में फल, मिष्ठान जो भी सात्विक चीज लेकर आते हैं उसमें से सर्वप्रथम कृष्ण जी के लिए भी अवश्य अर्पित करें। भोजन में से भी सबसे पहले लड्डू गोपाल के लिए भोग निकालना चाहिए। यदि भोजन में लहसुन और प्याज का प्रयोग करते हैं तो लड्डू गोपाल के लिए मीठी पूरी या पराठा बना लें।
संध्याकाल और रात्रि का भोग
शाम के समय कृष्ण जी को मखाने या मेवा का भोग लगाया जा सकता है, इसके अलावा लड्डू गोपाल को पापड़-चिप्स का प्रसाद भी चढ़ाया जा सकता है। रात्रि के समय भी जो भोजन बनाया हो सबसे पहले लड्डू गोपाल को भोग लगाएं और उन्हें शयन करवाने से पहले दूध पिलाना चाहिए।
भोग लगाने के नियम
- भगवान कृष्ण को भोग लगाने के लिए चांदी के पात्र का प्रयोग करना शुभ रहता है।
- यदि चांदी के बर्तन न हो तो जो बर्तन पूजा में प्रयोग करते हैं उसी में भोग लगाएं।
- भोग के बर्तनों को प्रतिदिन साफ करना चाहिए।
- कभी भी भोग लगाएं हुए बर्तनों को बिना साफ किए उसी में दोबारा भोग न लगाएं।
- लड्डू गोपाल को चढ़ाएं जाने वाले जल और भोग में तुलसी का प्रयोग भी करना चाहिए।
- लड्डू गोपाल को भोग लगाने के पश्चात भोग को कुछ देर वहीं रख दें और पर्दा डाल दें।
- पर्दा डालने के बाद ताली बजाकर या फिर घंटी बजाते हुए आंनद के साथ लड्डू गोपाल से भोग लगाने का आग्रह करना चाहिए।