मंगलवार के दिन देवी दुर्गा की पूजा का महत्व एवं उपाय

सनातन परंपरा में मंगलवार का दिन संकटमोचक हनुमान जी की साधना के लिए जाना जाता है, लेकिन इस दिन श​क्ति की साधना करने पर जीवन में सब मंगल ही मंगल होता है. मंगलवार के दिन देवी दुर्गा की पूजा का महत्व एवं उपाय जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

Update: 2022-02-22 07:11 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में सप्ताह का प्रत्येक वार अलग-अलग देवी और देवता की साधना-आराधना के लिए समर्पित है. हम सभी जानते हैं कि मंगलवार (Tuesday) का दिन पवनपुत्र श्री हनुमान जी (Lord Hanuman) की साधना के लिए अत्यंत ही शुभ और शीघ्र फलदायी माना गया है. ज्योतिष के अनुसार मंगलवार का नाम धरतीपुत्र मंगल (Mars) देवता के नाम पर रखा गया है, जिनकी शुभता से व्यक्ति साहस, आत्मबल आता है. इन सभी के साथ मंगलवार का दिन देवी दुर्गा (Goddess Durga) पूजा के लिए भी अत्यंत ही शुभ और फलदायी मानी गया है. आइए मंगलवार के दिन शक्ति की साधना का धार्मिक-आध्यात्मिक महत्व जानते हैं.

मंगलवार के दिन शक्ति की साधना
सनातन परंपरा में शक्ति की साधना का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व है. जिस शक्ति के बगैर शिव भी शव के समान हैं, उसकी साधना-आराधना के लिए मंगलवार का दिन अत्यंत ही शुभ और फलदायी माना गया है. मान्यता है कि मंगलवार के दिन देवी पूजा करने पर साधक के जीवन से जुड़े सारे कष्ट शीघ्र ही दूर होते हैं और उसकी मनोकामनाए पूरी होती हैं. गौरतलब है कि पवित्र श्रावण मास में मंगलवार के दिन मंगला देवी की विशेष रूप से पूजा की जाती है. सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए श्रावण मास के मंगलवार वाले दिन महिलाएं पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ माता मंगला गौरी की विधि-विधान से पूजा करती हैं. सिर्फ श्रावण मास में ही नहीं बल्कि प्रत्येक मंगलवार के दिन सच्चे मन से देवी पूजा करने पर साधक के जीवन में सब मंगल ही मंगल होता है.
कैसे करें देवी दुर्गा की पूजा
देवी दुर्गा से मनचाहा आशीर्वाद पाने के लिए मंगलवार के दिन सबसे पहले पूजा की सभी सामग्री एकत्रित कर लें, ताकि पूजा के समय कोई व्यवधान न आए. मंगलवार के दिन देवी पूजा के लिए पंचमेवा, मिष्ठान, फल, लाल रंग के पुष्प और माला, कलावा, दिया, बाती, रोली, सिंदूर, पानी वाला नारियल, अक्षत, लाल कपड़ा, पूजा वाली सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, गाय का घी, कलश, आम का पत्ता, कमल गट्टा, समिधा, लाल चंदन, जौ, तिल, सोलह श्रृंगार का सामान आदि रख लें. इसके बाद विधि-विधान से देवी की पूजा और उसके पश्चात् देवी के महामंत्र 'सर्व मंगल मागंल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके. शरण्येत्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते' का जप करें और पूजा के बाद अधिक से अधिक लोगों को प्रसाद वितरित करें.
देवी संग करें हनुमत आराधना
शक्ति की साधना के साथ संकटमोचक हनुमान जी की पूजा का बहुत महत्व है. हनुमान जी को देवी दुर्गा परम भक्त और सेवक माना जाता है, यही कारण है कि अक्सर देवी दुर्गा के मंदिर में हनुमान जी की पूजा होती आपको दिख जाएगी. मान्यता है कि देवी दुर्गा और हनुमान जी में माता और पुत्र का रिश्ता है. ऐसे में मंगलवार के दिन शक्ति की साधना को सफल बनाने के लिए हनुमान जी की पूजा भी साथ में अवश्य करें.


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