Ratha Saptami Vrat Katha: रथ सप्तमी पर जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, मिलेगी परेशानियों से मुक्ति

Update: 2025-02-04 02:05 GMT
Ratha Saptami Vrat Katha: रथ सप्तमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है. इसे सूर्य जयंती के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन सूर्य देव का जन्म हुआ था. पौराणिक कथाओं के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सूर्य देव का जन्म हुआ था. इसलिए, इस दिन को सूर्य जयंती के रूप में मनाया जाता है. रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव को उनके सात घोड़ों वाले रथ पर सवार होकर उत्तर दिशा की ओर जाते हुए दर्शाया जाता है. यह सूर्य के उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक है, जब सूर्य मकर राशि से कर्क राशि में प्रवेश करता है. रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव की पूजा करने से अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है|
रथ सप्तमी की कथा
एक समय की बात है, भगवान श्री कृष्ण के पुत्र सांब को अपने शारीरिक बल पर बहुत अभिमान हो गया था. एक बार दुर्वासा ऋषि भगवान श्री कृष्ण से मिलने आए. वे बहुत अधिक दिनों तक तप करके आए थे और इस कारण उनका शरीर बहुत दुर्बल हो गया था. सांब उनकी दुर्बलता को देखकर जोर-जोर से हंसने लगा और अपने अभिमान के चलते उनका अपमान कर दिया|
तब दुर्वासा ऋषि अत्यंत क्रोधित हो गए और सांब की धृष्ठता को देखकर उसे कोढ़ होने का श्राप दे दिया. सांब की यह स्थिति देखकर श्री कृष्ण ने उसे भगवान सूर्य की उपासना करने को कहा. पिता की आज्ञा मानकर सांब ने भगवान सूर्यदेव की आराधना करना प्रारंभ किया, जिसके फलस्वरूप कुछ ही समय पश्चात उसे कुष्ठ रोग से मुक्ति प्राप्त हो गई. और सूर्य व्रत करने और सूर्य के प्रति अटूट भक्ति के फलस्वरूप सांब एक बार फिर अपनी सुंदर और आकर्षक काया को प्राप्त किया. इसलिए माना जाता है जो श्रद्धालु सप्तमी के दिन भगवान सूर्य की आराधना विधिवत तरीके से करते हैं, उन्हें आरोग्य, पुत्र और धन की प्राप्ति होती है|
रथ सप्तमी 2025 कब है? (Ratha saptami 2025 date and time)
पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 4 फरवरी को सुबह 04 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इस सप्तमी तिथि का समापन अगले दिन 5 फरवरी को देर रात 02 बजकर 30 मिनट पर होगा. ऐसे में रथ सप्तमी 4 फरवरी को मनाई जाएगी.
रथ सप्तमी व्रत का महत्व
रथ सप्तमी का पर्व भगवान सूर्य नारायण को समर्पित है. इस दिन व्रत रखने और कथा सुनने से व्यक्ति के समस्त कष्टों का नाश होता है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. रथ सप्तमी व्रत करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है. स्वास्थ्य संबंधी कष्टों का नाश होता है. आयु, ऐश्वर्य, धन और संतान सुख की प्राप्ति होती है. इस दिन दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों को अन्न व वस्त्र प्रदान करें. मान्यता के अनुसार, जो भी श्रद्धालु रथ सप्तमी के दिन इस व्रत को विधि पूर्वक करता है, उसे जीवन के कष्टों से मुक्ति और पुण्य फल की प्राप्ति होती है|
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