Mahabharat युद्ध में जाने से पहले श्रीकृष्ण हर रोज खाते थे मूंगफली ,जाने कथा
Mahabharat ज्योतिष न्यूज़ : महाभारत युद्ध, द्वापर युग में धर्म की रक्षा के लिए लड़ा गया था। इस युद्ध में लाखों सैनिक और योद्धाओं की जान गई थी और यह 18 दिनों तक चला था। इस युद्ध में पृथ्वी पर मौजूद लगभग सभी राजाओं ने हिस्सा लिया था। किसी ने धर्म का साथ चुना था, तो किसी ने अधर्म का। इस युद्ध में श्रीकृष्ण खुद अर्जुन के सारथी बने थे और उन्होंने युद्ध के दौरान अनेक लीलाएं रची।
उनकी एक ऐसी ही लीला मूंगफली खाने से संबंधित है। जिस वक्त दोनों पक्षों से हर राजा युद्ध में हिस्सा ले रहे थे, उस वक्त उडुपी राज्य के राजा ने किसी के पक्ष से न लड़ते हुए भी युद्ध में सम्मलित हुए। उडुपी राज्य के राजा पांडवों और कौरवों में से किसी के पक्ष से नहीं लड़े। लेकिन उन्होंने युद्ध में दोनों पक्षों की तरफ से योद्धा और सैनिकों के खाने की जिम्मेदारी ली। जब उन्होंने खाना बनाने के बारे में विचार किया, तो उनके सामने एक समस्या आई कि महाभारत के इस भीषण युद्ध में तो लाखों योद्धा शामिल होंगे और युद्ध के बाद सबको भोजन चाहिए होगा। लेकिन युद्ध में हर दिन अनेकों सैनिक मारे जायेंगे, तो हर रोज कितने सैनिकों के लिए कितना खाना बनाया जाए? यदि कम खाना बनाया जाता है, तो सैनिकों की सही संख्या पता न लगने के कारण उस दिन कई सैनिक भूखे रह जायेंगे और यदि खाना ज्यादा बना दिया जाए, तो खाना बर्बाद होने पर अन्नपूर्णा का अपमान होगा।
उन्होंने अपनी ये चिंता भगवान श्री कृष्ण के सामने रखी। श्री कृष्ण ने उनकी इस समस्या को सुलझाने के लिए कहा कि महाभारत युद्ध के दौरान हर दिन मैं मूंगफली के कुछ दाने खाऊंगा। मूंगफली के जितने दाने मैं एक दिन में खाऊंगा, समझ लेना उतने हजार सैनिक उस दिन युद्ध में मारे जाएंगे। लेकिन श्रीकृष्ण ने उडुपी से इस रहस्य को किसी के सामने न उजागर करने को कहा। उडुपी ने वैसा ही किया, जैसा श्रीकृष्ण ने कहा था और इस कारण से युद्ध में सैनिकों को पर्याप्त भोजन खाने को मिला और एक भी दिन भोजन बर्बाद नहीं हुआ। लेकिन भगवान कृष्ण के इस रहस्य के बारे में उडूपी के राजा को छोड़कर धरती के किसी भी मनुष्य को नहीं पता था।