सावन में इन शिव मंत्रों का करें जाप, भगवान ​शिव की होगी असीम कृपा

सावन माह का प्रारंभ आज 14 जुलाई से हुआ है. इस श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनके आशीर्वाद से रोग, दोष, दुख, कष्ट आदि जैसी नकारात्मकता दूर हो जाती है.

Update: 2022-07-14 05:48 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन माह (Sawan) का प्रारंभ आज 14 जुलाई से हुआ है. इस श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनके आशीर्वाद से रोग, दोष, दुख, कष्ट आदि जैसी नकारात्मकता दूर हो जाती है. इस माह में शिव मंत्रों (Shiva Mantra) का जाप या रुद्राभिषेक कराने से लाभ होता है. भगवान शिव का सावन में जलाभिषेक करने से विशेष कृपा भी प्राप्त होती है क्योंकि यह माह उनको अतिप्रिय है. इस बार सावन में आपको कोई अपनी मनोकामना पूरी करनी हो या फिर किसी रोग, दोष, कष्ट आदि से मुक्ति चाहिए, तो भगवान शिव के मंत्रों का जाप करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं भगवान शिव के प्रभावशाली मंत्र.

भगवान शिव के प्रभावशाली मंत्र
1.​ शिव पंचाक्षर मंत्र
ओम नम: शिवाय शिव पंचाक्षर मंत्र है. यह मंत्र सरल और प्रभावशाली है. इस मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार के मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. इस मंत्र का उच्चारण आसान है. इसे शिव जी का मूल मंत्र भी कहा जाता है.
2. महामृत्युंजय मंत्र
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
यदि आप किसी संकट में घिरे हैं, असाध्या रोग से पीड़ित हैं, अकाल मृत्यु का भय है, तो आपको महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. यदि आप स्वयं नहीं कर सकते हैं, तो किसी योग्य ज्योतिषाचार्य या पंडित की मदद ले सकते हैं. महामृत्युंजय मंत्र का लघु रूप भी है. आप उसका भी जाप करा सकते हैं.
लघु मृत्युंजय मंत्र
ओम जूं स माम् पालय पालय स: जूं ओम
3. शिव गायत्री मंत्र
ओम तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।
जीवन में उन्नति, सुख, शांति और समृद्धि के लिए शिव गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है. कहते हैं कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश सदैव मां गायत्री का ध्यान करते हैं.
4. शिव रक्षा स्तोत्र
याज्ञवल्क्य ऋषि ने इसकी रचना की थी. सावन में आप प्रत्येक दिन शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं. इसको करने से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव खत्म होता है, संकट दूर होते हैं. शिव कृपा से रोग, दोष आदि भी नष्ट हो जाते हैं. भगवान शिव अपने भक्त की रक्षा करते हैं.
5. शिव तांडव स्तोत्र
रावण ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए शिव तांडव स्तोत्र की रचना की थी. सावन में आप शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करके शिव कृपा प्राप्त कर सकते हैं. शिव के आशीर्वाद से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी और दुखों का अंत होगा.
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