चाणक्य नीति : इन 3 कामों को करने के बाद अवश्य करें स्नान, वरना होंगे कई नुकसान
आचार्य चाणक्य ने छोटी सी उम्र से ही बड़े संघर्ष किए हैं. लेकिन उन संघर्षों से हर दिन नई सीख ली.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य ने छोटी सी उम्र से ही बड़े संघर्ष किए हैं. लेकिन उन संघर्षों से हर दिन नई सीख ली. कभी हतोत्साहित नहीं हुए, बल्कि अपनी ताकत बनाया और निरंतर आगे बढ़ते रहे. आचार्य चाणक्य की तीक्ष्ण बुद्धि ने ही एक साधारण से बालक को सम्राट बना दिया. आज भी आचार्य चाणक्य को बेहतरीन लाइफकोच के तौर पर देखा जाता है. उनकी कही बातें लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं.
आचार्य ने अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में एक श्लोक के माध्यम से तीन कामों का वर्णन करते हुए कहा है कि इन कामों को करने के बाद व्यक्ति को स्नान जरूर करना चाहिए. तभी उसका शरीर शुद्ध हो पाता है, वरना उसकी सेहत को खतरा बना रहता है. श्लोक है- तैलाभ्यङ्गे चिताधूमे मैथुने क्षौरकर्मणि, तावद् भवति चाण्डालो यावत् स्नानं न चाचरेत्.
इस श्लोक में पहली चीज बताई गई है तेल मालिश. आचार्य का कहना था कि तेल मालिश शरीर के लिए अच्छी होती है, इसे नियमित रूप से कराना चाहिए. लेकिन तेल मालिश के बाद स्नान जरूर करना चाहिए. वरना तेल के संपर्क में आकर गंदगी आपके शरीर में चिपक जाती है और शरीर को नुकसान पहुंचाती है. इसलिए तेल मालिश के बाद स्नान करना जरूरी है.
दाह संस्कार से आने के बाद स्नान बहुत जरूरी है. दरअसल श्मशान में कई लोगों का शवदाह होता है. ऐसे में वहां मौजूद बैक्टीरिया शरीर में आकर चिपक जाते हैं. इसलिए श्मशान से आने के बाद स्नान जरूर करना चाहिए, वरना सेहत को नुकसान पहुंचता है.
बाल कटाने के बाद भी तुरंत स्नान कर लेना चाहिए. बाल कटाने के बाद छोटे छोटे बाल शरीर में आकर चिपक जाते हैं. ऐसे में वो शरीर में चुभते हैं. कई बार झड़कर वो खाने की चीजों में भी गिर सकते हैं और आपके शरीर में पहुंच सकती है. इससे आप बीमार पड़ सकते हैं. इसलिए बाल कटाने के बाद स्नान जरूर करें.