30 साल बाद चैत्र नवरात्रि पर बना अमृत सिद्धि योग, कष्ट होंगे दूर

Update: 2024-04-06 04:15 GMT
नई दिल्ली : हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है, जो चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से शुरू होती है. इस बार इसकी शुरुआत 9 अप्रैल से होने वाली है जो कि 17 अप्रैल तक चलेगी. इस साल की चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) बहुत शुभ मानी जा रही है क्योंकि 30 साल के बाद अमृत सिद्धि योग होने जा रहा है. कहते हैं अमृत सिद्धि योग (Amrit Siddhi Yog) में माता रानी की पूजा अर्चना करने से सभी कष्ट और दुखों से मुक्ति मिलती है. तो आइए आपको बताते हैं कि यह अमृत सिद्धि योग कब बन रहा है और आपको किस तरह से घटस्थापना और पूजा करनी चाहिए.
क्या होता है अमृत सिद्धि योग
ज्योतिषों के अनुसार, नक्षत्रों में पहला नक्षत्र अश्विनी नक्षत्र माना जाता है और मंगलवार के दिन अश्विनी नक्षत्र पड़ रहा है. इसे ही अमृत सिद्धि योग कहते हैं. चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी मंगलवार 9 अप्रैल से हो रही है, ऐसे में 30 साल के बाद नवरात्रि के मौके पर यह शुभ संयोग बन रहा है, जिसे काफी अद्भुत और फलदायी माना जा रहा है. इस योग के बारे में बताया जाता है कि अश्विनी नक्षत्र के दौरान माता रानी की पूजा अर्चना करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. ज्योतिषों के अनुसार, ये अश्विन नक्षत्र 9 अप्रैल को सूर्योदय के 2 घंटे बाद शुरू हो जाएगा.
इस तरह करें माता रानी की पूजा अर्चना
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि की प्रतिपदा पर सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और नए कपड़े पहनें. एक चौकी पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर हल्दी या केसर से रंगते हुए अक्षत से अष्टदल कमल बना लें. उस पर ब्रह्मा जी की मूर्ति या फोटो की स्थापना करें, फिर षोडशोपचार पूजन करें. अन्य देवी देवता, गंधर्व, ऋषि, मुनि, नदी, पर्वत, पशु पक्षी सभी का ध्यान करते हुए पूजा करें. मां दुर्गा की आराधना करें और व्रत का संकल्प लें. इस दिन दुर्गा पूजा की घट स्थापना करने के साथ ही 9 दिनों तक माता रानी की आराधना की जाती है.
इन चीजों का करें सेवन
कहते हैं प्रतिपदा के दिन नवरात्रि शुरू होने पर अगर नीम के कोमल पत्तों को काली मिर्च, नमक, हींग, जीरा, अजवाइन मिलाकर खाया जाए तो इससे इंसान को आरोग्य होने का लाभ मिलता है.
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