दमोह में चैत्र नवरात्र पर चमत्कार, वृक्ष से निकल रही जलधारा
तो कोई इसे मातारानी के आंसू बता रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेसक | दमोह जिले में बड़ी देवी मंदिर काफी प्राचीन है। माना जाता है कि यह मंदिर 400 साल पुराना है। जहां आज भी हजारी परिवार की कुलदेवी विराजमान हैं, जिस मूर्ति को उत्तरप्रदेश से लाकर दमोह में विराजमान किया गया था। प्रांगण के मरहई माता मंदिर के समीप लगे कोहा के वृक्ष से बुधवार की सुबह अचानक से जलधारा बहने लगी। जिसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। दर्शन करने आए श्रद्धालु इसे देवी मां का चमत्कार मान रहे है, तो कोई इसे मातारानी के आंसू बता रहा है।
हिंदू चैत्र नवरात्रि के कारण मातारानी के भक्त इसे आस्था से जोड़कर देख रहे हैं। अष्टमी तिथि को जब श्रद्धालु मां को जल अर्पित करने पहुंचे तो मंदिर प्रांगण के समीप लगे कोहे के वृक्ष से जल का रिसाव होने लगा दर्शन करने आए कुछ भक्तों ने जल को मां का प्रसाद मान कर सेवन किया। यह खबर पूरे इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई है।
जिससे कारण मंदिर प्रांगण में श्रद्धालु की भीड़ जुटने लगी। जल को ग्रहण करने वाले भक्तों का कहना है कि इस जल का स्वाद नारियल के पानी की तरह लग रहा है। श्रद्धालुओं के अलावा दुकानदारों ने बताया कि उन्होंने ऐसा चमत्कार पहले कभी नहीं देखा।
तकरीबन 7 फुट की ऊंचाई से वृक्ष से जल निकल रहा है। हालांकि कुछ देर बाद वृक्ष से जल निकलने की चाल धीमी हो गई। लोग इसे मां बड़ी देवी का चमत्कार मान रहे हैं। इमलाई गांव के रहने वाले प्रत्यक्षदर्शी अजय अहिरवार ने बताया कि बड़ी देवी माता के पास में लगे कोहे के वृक्ष से जल की धार निकल रही थी। जिसे देखने के लिए लोग इकट्ठा होने लगे और कुछ लोगों का ऐसा मानना है
कि यह माता के आंसू हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व दमोह जिले के हटा ब्लॉक के लुहारी ग्राम में मां अंजनी की आंखें नम हो गई थी और प्रतिमा की आंखों से बूंद-बूंद आंसू गिर रहे थे।