प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर देश में शुरू होगी विश्वकर्मा योजना
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नई दिल्ली। मोदी सरकार की ओर से 17 सितंबर को पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की जाएगी. इसी दिन विश्वकर्मा जयंती भी है ऐसे में योजना की बड़े स्तर पर लॉन्चिंग के लिए सरकार के 70 मंत्री देश के 70 शहरों में तैनात रहेंगे, जबकि पीएम मोदी दिल्ली से सुबह 10.30 बजे वर्चुअली इस योजना की शुरुआत करेंगे. 17 सितंबर को पीएम मोदी का भी जन्मदिन भी है ऐसे में वो विश्वकर्मा योजना को लॉन्च कर कामगार वर्ग के करोड़ों लोगों को सीधा प्रभावित करेंगे.
पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत के लिए गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से लेकर केंद्र सरकार के राज्यमंत्रियों तक सभी की ड्यूटी देश के अलग अलग 70 शहरों में लग गई है, जो लॉन्चिंग के वक्त प्रधानमंत्री से वर्चुअली जुड़े होंगे. जानकारी के मुताबिक, अमित शाह अहमदाबाद में, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ में, विदेश मंत्री एस जयशंकर त्रिवेंद्रम में, स्मृति ईरानी झांसी में, मनसुख मांडविया राजकोट में उपस्थित रहेंगे.
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव जयपुर में, अश्वनी वैष्णव भुवनेश्वर में, हरदीप सिंह पूरी अमृतसर में, प्रल्हाद जोशी बंगलोर में, नरेंद्र सिंह तोमर भोपाल में उन सेंटर्स पर मौजूद होंगे जहां पीएम विश्वकर्मा योजना की लॉन्चिंग के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.
पीएम विश्वकर्मा योजना की घोषणा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 15 अगस्त 2023 को की थी, उसके अगले ही दिन प्रधानमंत्री ने केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाकर इस योजना की स्वीकृति पर मुहर लगवाई थी. छोटे और मझोले कामगार वर्ग के लिए इस योजना को गेम चेंजर माना जा रहा है, जिसके जरिए केंद्र सरकार की ओर से अगले 5 साल में 13 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य है.
इस योजना से समाज के निचले स्तर के कामगार खासकर बढ़ई, मोची, धोबी जैसे कामगारों का आर्थिक और सामाजिक उत्थान संभव हो सकेगा. इस योजना के तहत पहले चरण में कामगारों को 5 फीसदी की दर से 1 लाख रुपए का कर्ज मुहैया कराया जाएगा. वहीं दूसरे चरण में राशि बढ़कर 2 लाख रुपए कर दी जाएगी.
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों, शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र प्रदान कर मान्यता भी दी जाएगी और पहचान पत्र भी दिया जाएगा. कौशल विकास कार्यक्रम का कोर्स करने वालों को स्टाइपेंड भी मिलेगा. इसमें ट्रेनिंग लेने वाले लाभार्थियों को प्रतिदिन 500 रुपए के हिसाब से मानदेय भी दिया जाएगा.
इस योजना में 18 तरह के कामगारों को शामिल किया जाएगा जिसमें बढ़ई, नौका बनाने वाले, लोहार, हथौड़ा एवं औजार बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, पत्थर की कारीगरी करने वाले, चर्मकार, राज मिस्त्री, दरी, झाड़ू और टोकरी बनाने वाले, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने वाली जाल बनाने वाले जैसे 18 तरह के कामगारों को शामिल किया है.
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इस योजना का लाभ सीधे तौर पर बीजेपी को मिलने वाला है. समाज का एक बड़ा वोटर बीजेपी के साथ खड़ा मिल सकता है जो कि 2024 के आम चुनाव में अहम भूमिका भी निभा सकता है.