स्कूलों में शौचालय को क्लास रूम दिखाकर किया घोटाला, अब LG ने मांगी रिपोर्ट
दिल्ली। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने केजरीवाल सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण 2021-2022 में प्रकाशित आंकड़ों को लेकर चिंता जाहिर की है, शिक्षा पर खर्च में वृद्धि के बावजूद सरकारी स्कूलों में दाखिले में गिरावट और बच्चों की अनुपस्थिति बढ़ी है. उपराज्यपाल कार्यालय ने सोमवार को मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस मामले में प्राथमिकता के आधार पर स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही कहा कि विसंगति की व्यापक जनहित में जांच की जानी चाहिए.
उपराज्यपाल कार्यालय ने सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि 2014-15 में शिक्षा क्षेत्र में 6,145 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जबकि 2019-20 में 11,081 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इसके बावजूद स्कूलों में दाखिले में गिरावट आई और छात्रों उपस्थिति काफी कम रही. मुख्य सचिव को लिख पत्र में कहा गया है कि सरकार का हर साल हर छात्र पर 2015-16 में 42,806 रुपये खर्च था, जो 2019-20 में बढ़कर 66,593 रुपये हो गया है फिर भी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दाखिलों की संख्या 2014-15 में 15.42 लाख से घटकर 2019-20 में 15.19 लाख हो गई.
एलजी ने लेटर में कहा,'राज्य सरकार द्वारा शिक्षा बजट में पर्याप्त वृद्धि के बावजूद, यह देखा गया है कि इसी अवधि के दौरान दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दाखिलों की संख्या 2014-15 की 15.42 लाख से घटकर 2019-20 में 15.19 लाख हो गई.दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं में भाग लेने वाले छात्रों का प्रतिशत घट रहा है. छात्रों की उपस्थिति का प्रतिशत 2016-17 में 55% था जो 2019-20 में बढ़कर 61% हो गया है. यानी करीब बच्च्चे 6 लाख बच्चों स्कूल में उपस्थिति नहीं हो रहे हैं.