रांची हिंसा: पुलिस ने जारी किए उपद्रवियों के फोटो, जानें पूरी जानकारी

Update: 2022-06-14 12:32 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

रांची: उत्तर प्रदेश की तरह अब झारखंड पुलिस ने भी रांची हिंसा के 33 आरोपियों की तस्वीरों वाले पोस्टर जारी किए हैं। इन तस्वीरों के माध्यम से पुलिस जनता से आरोपियों संबंध में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है। रांची में हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दर्जनभर पुलिसकर्मियों सहित 20 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

दरअसल, भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर रांची में शुक्रवार 10 जून को विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था। हिंसा के बाद प्रशासन को शहर के कुछ हिस्सों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू करनी पड़ी थी और इंटरनेट सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया था।
रांची में हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और हजारों लोगों के खिलाफ 25 एफआईआर दर्ज की गई है।

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बता दें कि, झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने रांची में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर सोमवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नीरज सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को राजभवन तलब किया था। उन्होंने पूछा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों, रबड़ की गोलियों या आंसू गैस का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया और प्रशासन एहतियाती कार्रवाई करने में नाकाम क्यों रहा?
पुलिस महानिदेशक ने राज्यपाल को सूचित किया कि खुफिया ब्यूरो (आईबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर राजधानी रांची में 10 जून के विरोध-प्रदर्शन के दौरान केवल 150 लोगों के जुटने की उम्मीद थी। हालांकि, हिंसक विरोध में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।
राज्यपाल ने यह भी पूछा कि पुलिस अधिकारी और कर्मी हेलमेट और सुरक्षात्मक गियर क्यों नहीं पहने हुए थे। उन्होंने पूछा कि अब तक कितनी गिरफ्तारियां की गई हैं? कितनी एफआईआर दर्ज की गई हैं? सभी प्रदर्शनकारियों और जो पकड़े गए हैं, उनका विवरण प्राप्त करें, उनके नाम/पते सार्वजनिक करें, शहर में मुख्य स्थानों पर उनकी तस्वीरों वाली होर्डिंग लगाएं, ताकि जनता भी उन्हें पहचान सके और पुलिस की मदद कर सके।
राज्यपाल ने पूछा कि क्या पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले लोगों की पहचान की है और क्या उन्हें दंडित करने के लिए कोई कार्रवाई की गई है। बैस ने कहा कि ऐसे सभी लोगों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने की जरूरत है।

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