Kaithlighat-ढली फोरलेन निर्माण पर उठे सवाल

Update: 2024-07-01 10:08 GMT
Shimla. शिमला। हिमाचल प्रदेश के कैथलीघाट से ढली फोरलेन का निर्माण कार्य शुरू हो गया है, लेकिन कंपनी द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कंपनी द्वारा जो डंगे लगाए जा रहे हैं वो मानसून की पहली बारिश में ही गिर गए हैं। इससे लोगों के खेतों में मलबा पहुंच रहा है और लोगों के घरों पर भी खतरा मंडराने लगा है। कंपनी द्वारा निर्माण कार्य से निकलने वाले मलबे को भी जगह-जगह अवैध रूप से डंप किया जा रहा है जो कभी भी कहर बरपा सकता है। ऐसे में स्थानीय लोगों ने अब इसके खिलाफ मोर्चा खोलते हुए शनिवार शाम को फोरलेन कंपनी के खिलाफ मल्याणा शिमला में धरना प्रदर्शन किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि फोरलेन निर्माण में उनकी जमीनें गई हैं। वे फोरलेन बनने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन कंपनी मनमर्जी से काम कर रही है। मलबे को हर कही डंप किया जा रहा है। जो डंगे लगाए जा रहे है
वो भी धंस गए हैं और कभी भी वे गिर सकते हैं।

भवनों को भी खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने कहा कि कंपनी के खिलाफ ढली थाना में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। जिला प्रशासन से लेकर सरकार को कंपनी की मनमर्जी पर रोक लगाने की मांग की गई लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य सही से हो और मलबा चिन्हित स्थानों पर ही डाला जाए। यदि कंपनी का यही रवैया रहा तो उग्र आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा साथ ही फोरलेन निर्माण कार्य नहीं करने दिया जाएगा। वहीं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी कहा कि कैथलीघाट से ढली फोरलेन निर्माण कार्य में कई अनियमितता बरती जा रही है। बिना अनुमति के काम किया जा रहा है। अभी सेकेंड स्टेज की परमिशन नहीं आई है। मलबा वैज्ञानिक तरीके से डंप नहीं किया जा रहा है। फॉरेस्ट एरिया में मलबा डंप किया जा रहा है। इसको लेकर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के अलावा उपायुक्त और संबंधित अधिकारियों से भी बात की गई है। जो भी अधिकारी अनियमितताओं में शामिल होंगे उन पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
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