MANREGA बजट में 33 फीसदी कटौती से आक्रोश

Update: 2024-08-18 11:08 GMT
Rohdu. रोहडू। मनरेगा व निर्माण मज़दूर यूनियन (संबधित सीटू) रोहडू इकाई के सम्मेलन पांच दर्जन से ज्यादा मजदूरों ने भाग लिया। इस सम्मेलन में पप्पू राम को अध्यक्ष , का दायित्व सौंपा गया। महासचिव रेखा देवी, कोषाध्यक्ष पुष्पा देवी, उप प्रधान शीला देवी, सचिव संगीता को चुना गया। गुड्डी, शीला, राजेश, मिलकू देवी को कमेटी सदस्य चुना गया। इस सम्मेलन में मजदूरों ने राज्य व केंद्र सरकार से मांगें उठाईं। मजदूरों को एक साथ 28 दिनों का रोजगार दिया जाए। सभी पंचायतों में रोजगार मेले का आयोजन किया जाए। मनरेगा शेल्फ के अनुसार कार्य को सीरियल नंबर वाइज ही उनका जिओ टैगिंग किया जाए व सीरियल वाइज मस्टरोल निकाले जाने चाहिए। असेसमेंट के नाम पर हो रही कटिंग को तुरंत रोका जाए। ऑनलाइन हाजिरियों को तुरंत बंद किया जाए। मनरेगा के तहत 200 दिनों का रोजगार
उपलब्ध करवाया जाए।

सीटू जिला महासचिव अजय दुलटा, हिमाचल प्रदेश निर्माण व मनरेगा जिला अध्यक्ष सुनील मेहता व सचिव नरेश कुमार ने कहा कि 2014 के बाद से केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार की नवउदारवादी व पूंजीपति परस्त नीतियों के चलते बेरोजगारी, गरीबी, असमानता व रोजी-रोटी का संकट बढ़ रहा है। केंद्रीय बजट में सामाजिक क्षेत्र पर सरकार ने खर्च को घटाकर जनता की आजीविका पर बड़ा हमला किया है। ऐसे में जब बेरोजगारी दर उच्चतम है। मोदी की सरकार ने मनरेगा के बजट में लगभग 33 प्रतिशत की कटौती की है। वर्ष 2023-2024 के लिए मनरेगा बजट घटाकर 60,000 करोड़ कर दिया गया है। मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी राज्य की न्यूनतम मजदूरी से कम नहीं होनी चाहिए। मनरेगा मजदूरों को 240 रुपए दैनिक वेतन दिया जाता है। सरकार ने मनरेगा के लिए 300 रुपए दिहाड़ी आज तक नहीं दी है। जिला अध्यक्ष सुनील मेहता ने कहा कि रोहडू क्षेत्र में श्रमिक कल्याण बोर्ड का लाभ आज तक नहीं मिल पाया। अगर मजदूरों की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन करेगी।
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