छत्तीसगढ़ में नक्सली वारदातों ने सुरक्षा बल की चिंता बढ़ाई
बेकसूर लोगों को निशाना बनाया और फिर सुरक्षा बल से मुठभेड़ हुई।
रायपुर (आईएएनएस)| छत्तीसगढ़ में बीते कुछ समय में बढ़ी नक्सली गतिविधियों ने सुरक्षा बलों की चिंता बढ़ा दी है। पहले नक्सलियों ने बेकसूर लोगों को निशाना बनाया और फिर सुरक्षा बल से मुठभेड़ हुई। इसमें तीन जवान शहीद हुए हैं। इन घटनाओं के बाद सुरक्षा बलों का उत्साह बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। सुकमा जिले के जगरगुंडा क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्यो की सुरक्षा देने के लिए जगरगुंडा कैंप से पुलिस जवानों की टुकड़ी मोटरसाइकिल पर रवाना हुई थी जहां पर पहले से घात लगाए नक्सलियों ने पुलिस टुकड़ी पर फायरिंग कर दी जिसमें तीन पुलिस जवान शहीद हो गए। इससे पहले नक्सलियों ने कई अन्य लोगों को भी निशाना बनाया।
नक्सलियों की बढ़़ती गतिविधियों के बीच सुरक्षा बलों का उत्साह बना रहे और वे नक्सलियों की गतिविधियों पर पूरी तरह काबू रखें, इसके लिए पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने प्रभावित क्षेत्र में पहुंचकर सुरक्षा बल के जवानों से संवाद किया।
नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के जगरगुंडा कैंप में तैनात जवानों के बीच पहुंचे पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा जवानों का उत्साहवर्धन करते हुए उनके साहस और बहादुरी की प्रशंसा की और उनकी समस्याओं की जानकारी ली। जुनेजा ने कहा कि नक्सलवादियों के विरूद्ध सुरक्षाबलों का अभियान निरंतर जारी रहेगा।
संभावना इस बात की जताई जा रही है कि जगरगुडा में जो मुठभेड़ हुई उसमें कुछ नक्सलियों के मारे जाने और घायल होने की भी खबर है।
डीजीपी अशोक जुनेजा ने पुलिस-नक्सल मुठभेड़ में बहादुरी से लड़ते हुए शहीद होने वाले सहायक उप निरीक्षक रामूराम नाग, आरक्षक कुंजाम जोगा और आरक्षक वंजाम भीमा के परिजनों से मिलकर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए वीर जवानों की शहादत को नमन किया। उन्होंने उनके परिजनों को शीघ्र ही अनुकंपा नियुक्ति और अन्य सुविधाएं देने का आश्वासन दिया।
उन्होंने सुकमा जिले के अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित एरिया में पुलिस और सुरक्षा बलों को डब्बामरका, तोंडामरका, कुंडेद और बेदरे जैसे सुदूर जगहों पर कैंप लगाकर विकास की गति को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। साथ ही इन जगहों पर लोगों तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए तत्परता से कार्य करने वाले सभी अधिकारी व जवानों की तारीफ की। साथ ही आगामी समय में और भी बेहतर योजनाबद्ध तरीके से मिलकर कार्य करने के लिए स्थानीय पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया।
ज्ञात हो कि बस्तर इलाके में काफी समय से नक्सली गतिविधियां थमी हुई है, इसके पीछे सुरक्षा बलों की सक्रियता और आमजन का सहयोग रहा है। वहीं नक्सलियों के शांत हेाने पर भी सुरक्षा बलों में चिंता रही है। यही कारण है कि तमाम राजनेताओ से भी कहा गया है कि वे जब भी नक्सल प्रभावित इलाकों का दौरा करें पुलिस बल को सूचना जरुर दें।