HP: मर्यादित वस्त्रों में ही होगा शहर के मंदिरों में प्रवेश

Update: 2024-09-01 09:58 GMT
Shimla. शिमला। शिमला शहर के तीन प्रमुख मंदिरों की वेबसाइट बनाई जाएगी। ये फैसला उपायुकत शिमला अनुपम कश्यप ने श्री तारा देवी माता मंदिर, श्री संकट मोचन मंदिर और श्री हनुमान जी मंदिर जाखू की न्यास की बैठकों की अध्यक्षता करते हुए लिया है। उपायुक्त ने बताया कि तीनों मंदिरों की अपनी कोई भी वेबसाइट नहीं है। ऐसे में श्रद्धालुओं को मंदिर के बारे में सारी जानकारी एक मंच पर नहीं मिल पाती है। मंदिर की बेवसाइट, मंदिर की आय व्यय, विकासात्मक कार्य, इतिहास से जुड़ी, भंडारा बुकिंग, दान सुविधा आदि कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होगी। उपायुक्त ने कहा कि अगले सप्ताह शहर के तीनों मंदिर परिसर में निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरान विकास कार्यों को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। न्यास के सदस्य इस दौरान विशेष तौर पर मौजूद रहेंगे। इस बैठक में निर्णय लिया गया है कि मंदिर में होने वाले भंडारे का वितरण स्टील की थालियोंं की बजाय टौर की पत्तल में किया जाएगा। जिला प्रशासन पहले ही तारा देवी मंदिर और संकटमोचन में ये सुविधा आरंभ कर चुका है। ऐसे में अब जाखू मंदिर तीसरा मंदिर बनने जा रहा है कि जोकि इको फ्रेंडली व्यवस्था शुरू कर रहा है। जाखू मंदिर में टौर की पतल मुहैया करवाने का जिम्मा सक्षम स्वयं सहायता समूह को दिया गया है। बैठक में एसडीएम शहरी भानु गुप्ता, एसडीएम ग्रामीण कविता ठाकुर सहित तीनों मंदिर न्यासों के गैर सरकारी सदस्य
विशेष तौर पर मौजूद रहे।
जाखू मंदिर न्यास की बैठक में निर्णय लिया गया है कि मंदिर के भीतर मर्यादित वस्त्र धारण कर के ही श्रद्धालु दर्शनों के लिए आए। इसके बारे में मंदिर परिसर में जगह-जगह होर्डिंग लगाए जाएंगे। न्यास के सदस्यों ने उक्त सुझाव रखा था, जिस पर सभी ने अपनी सहमति जताई । साल दर साल जाखू मंदिर में बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या के चलते और पिछले लंबे से समय से मुख्य मंदिर के आसपास विस्तारीकरण को लेकर जिलाधीश अनुपम कश्यप अगले सप्ताह मंदिर का दौरा करेंगे। इस दौरान मंदिर के विस्तारीकरण के लेकर संभावनाएं तलाशी जाएंगी। इसके अलावा मंदिर परिसर में अन्य विकास कार्यों को लेकर भी निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरे के दौरान संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मंदिर न्यास सदस्य मौजूद रहे। जाखू मंदिर न्यास की बैठक में निर्णय लिया गया है कि श्रद्धालुओं की ओर से चढ़ाएं जाने वाले चमेली के तेल और सिंदूर को वापस श्रद्धालुओं को दिया जाएगा। असल में अभी तक श्रद्धालु तेल और सिंदूर मंदिर में चढ़ा देते है। ऐसे में न्यास ने निर्णय लिया है कि श्रद्धालुओं की ओर से तेल और सिंदूर का कुछ हिस्सा ही चढ़ाया जाएगा और शेष संबधित श्रद्धालु को वापस किया जाएगा। वहीं, इसके साथ मंदिर पुजारियों की पदों को भरने के बारे में प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। मंदिर में पहली जनवरी से 30 अगस्त 2024 तक कुल 1 करोड़ 99 लाख 47 हजार 571 रुपए की कमाई हुई है। जबकि अभी तक 79 लाख 66 हजार 423 रुपए खर्च किए जा चुके है। मंदिर के विभिन्न बैंकों के बचत खाते में 3 करोड़ 55 लाख 53 हजार 75 रुपए है।
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