हाईकोर्ट की टिप्पणी, गेमकिंग-11 जुआ है या नहीं? विचार करे सरकार

जानें पूरा मामला।

Update: 2022-02-05 02:35 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से उस प्रतिवेदन पर विचार करने को कहा है जिसमें दावा किया गया है कि काल्पनिक खेल 'गेमकिंग- 11' जुआ नहीं बल्कि कौशल का एक खेल है। प्रतिवेदन में पुलिस और सरकर से अन्य संबंधित अधिकारियों को गेमकिंग 11 खेल के संचालन में किसी तरह का बाधा पहुंचाने पर रोक लगाने की मांग की गई है। जस्टिस वी. कामेश्वर राव ने 'ड्रीम 7 एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड' की ओर से दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है। उन्होंने सरकार और सक्षम प्राधिकार को याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए प्रतिवेदन पर मौजूदा कानून, नीतियों के तहत विचार करने और समुचित निर्णय लेने को कहा है।

न्यायालय ने साथ ही सरकार को अपने इस बारे में लिए गए निर्णय से अवगत कराने को कहा है। उच्च न्यायालय ने यह निर्देश तब दिया जब याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अन्य उच्च न्यायालयों ने माना है कि इसी तरह के अन्य काल्पनिक खेल कौशल के खेल के समान हैं। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विनय के. गर्ग ने न्यायालय को बताया कि गेमकिंग11 जुआ नहीं है बल्कि कौशल का एक खेल है जिसमें खिलाड़ी को 11 लोगों की अपनी टीम का चयन करने की आवश्यकता होती है। इस पर न्यायालय ने जानना चाहा कि 'क्या कौशल ​​है? मेसी और माराडोना को चुनना कोई कौशल ​​नहीं है।'
जस्टिस कामेश्वर ने कहा कि आप कह रहे हैं कि यह कौशल का खेल है, अधिकारियों को अपना दिमाग लगाने दें और निर्णय लेने दे। न्यायालय ने कहा कि जब सरकार इस मसले पर निर्णय लेगी और आदेश आएगा तो आपके पास एक स्पष्ट तस्वीर होगी। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि सरकार के निर्णय के बाद याचिकाकर्ता कंपनी सभी कानून में उपलब्ध उपायों का सहारा लेने के लिए स्वतंत्र है। दिल्ली सरकार की ओर से स्थाई अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी ने न्यायालय को बताया कि इस याचिका को प्रतिवेदन के तौर लिया जा सकता है और सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद दो सप्ताह के भीतर आदेश पारित किया जा सकता है। याचिका में कहा गया है कि गेमकिंग 11 दिल्ली जुआ अधिनियम, 1955 के दायरे में नहीं आता है और याचिकाकर्ता के पास दक्षिणी दिल्ली नगर निगम से आवश्यक व्यापार लाइसेंस है।


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