मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुश्किल में, झारखंड हाईकोर्ट ने दिया ये निर्देश

Update: 2022-04-22 10:16 GMT

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. सोरेन परिवार पर आय से अधिक संपत्ति के मामले की याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ईडी और रजिस्ट्रार आफ कंपनीज को निर्देश दिया कि वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके भाई बसंत सोरेन के कथित मनी लॉड्रिंग की जांच कर दो सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे.

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डा. रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी और रजिस्ट्रार आफ कंपनीज को उन 28 कंपनियों के जांच करने का निर्देश दिया है, जिनमें हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन निवेश करते थे.
बता दें कि सीएम सोरेन और उनके परिवार पर कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी कंपनियों के जरिए आय से अधिक संपत्तियां जमा करने के आरोप लगे हैं. ये संपत्तियां उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा की हैं. इसी को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था सभी 28 कंपनियां फर्जी हैं. इन कंपनियों का कोई अस्तित्व नहीं है, ये केवल काले धन को सफल करने के लिए इस्तेमाल किया था.
आरटीआई एक्टिविस्ट शिव शंकर शर्मा के वकील राजीव कुमार ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में 28 कंपनियों की जानकारी पेश किया था. जिसमें सोरेन बंधुओं की भागीदारी थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि दोनों भाइयों ने फर्जी कंपनियां बनाकर अवैध संपत्ति अर्जित की है. लिहाजा सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स से पूरे मामले की जांच कराई जानी चाहिए.
झारखंड हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए ईडी और रजिस्ट्रार आफ कंपनीज को सभी 28 कंपनियों की जांच कर दो सप्ताह में पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. वहीं, हेमंत सोरेन की ओर से एडीशनल एडवोकेट जनरल ने कोलकाता से ऑनलाइन अपना पक्ष रखा और उन्होंने तमाम आरोपों को बेबुनियाद बताया.
वहीं, हाईकोर्ट ने जांच के आदेश से याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा संतुष्ट है. उनका आरोप है कि माइनिंग के जरिए वैध अवैध तरीके से दोनो भाइयों ने अकूत संपत्ति अर्जित की है जिसकी जांच ज़रूरी थी.
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