सांसद और महिला डीएम के बीच तीखी बहस, वीडियो वायरल

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Update: 2024-03-30 09:16 GMT
गाजीपुर: मुख्‍तार अंसारी के शव को शनिवार को गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्‍तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस दौरान मुख्‍तार को अंतिम विदाई देने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी। दूर-दूर से हजारों की संख्‍या में पहुंचे समर्थकों में हर कोई मुख्‍तार को मिट्टी देना चाहता था जबकि प्रशासन की कोशिश सिर्फ परिवारीजनों को कब्रिस्‍तान के अंदर जाने देने की थी। इस दौरान कुछ समर्थकों को मिट्टी देने से रोके जाने पर मुख्‍तार के भाई अफजाल अंसारी से डीएम की तीखी नोंकझोंक भी हो गई। अफजाल अंसारी ने डीएम से कहा कि ये आपकी कृपा पर नहीं है कि आप तय करें कि ये लोग ही मिट्टी देंगे। इस पर डीएम ने कहा कि मैं जिलाधिकारी हूं। आपने परमिशन नहीं ली है। हम विधिक कार्रवाई करेंगे।
बता दें कि गुरुवार की रात बांदा में मुख्‍तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था। बाद में अस्‍पताल में मुख्‍तार की मौत हो गई। पोस्‍टमार्टम के बाद मुख्‍तार के शव को बांदा से गाजीपुर भेजा गया। मुख्‍तार के शव को लेकर शुक्रवार की रात 1:15 बजे एंबुलेंस गाजीपुर के मोहम्‍मदाबाद स्थित मुख्‍तार अंसारी के घर पहुंची। यहां मुख्‍तार की मौत की खबर पहुंचने के बाद से ही समर्थकों का तांता लगा था। मुख्‍तार के अंतिम दर्शन के लिए रात भर लोग आते रहे। सुबह तक घर पर हुजूम उमड़ पड़ा। पुलिस ने चप्‍पे-चप्‍पे पर निगरानी के इंतजाम कर रखे थे। भीड़ को संभालने के लिए डीएम, एसपी समेत जिले के सभी बड़े अधिकारी, पुलिस फोर्स और अद्धसैनिक बलों के जवान रात से ही मुस्‍तैद थे। प्रशासन ने मुख्‍तार के परिवारीजनों से बात कर यह तय किया था कि कब्रिस्‍तान में सुपुर्द-ए-खाक की प्रक्रिया के दौरान सिर्फ परिवार के लोग और घनिष्‍ठ रिश्‍तेदार ही रहेंगे लेकिन मुख्‍तार के जनाजे में इतनी बड़ी संख्‍या में लोग जुटे कि सारी व्‍यवस्‍थाएं फेल होती नज़र आई। कई लोग कब्रिस्‍तान पर जनाजे के साथ घेरा तोड़कर पहुच गए। भीड़ को संभालना मुश्किल होने लगा तो पुलिस ने थोड़ा बल प्रयोग भी किया। इस दौरान सांसद अफजाल अंसारी भी पुलिस और प्रशासन के साथ भीड़ से व्‍यवस्था बनाए रखने की अपील करते दिख रहे थे।
इन सबके बीच बड़ी संख्‍या में लोग कब्रिस्‍तान से बाहर भी आ गए लेकिन मुख्‍तार को सुपुर्द-ए-खाक किए जाने के बाद कुछ समर्थकों ने उन्‍हें मिट्टी देने की इच्‍छा जताई। तब अफजाल के कहने पर पुलिस ने 10-10, 20-20 करके कुछ लोगों को मिट्टी देने के लिए जाने दिया लेकिन भीड़ जब बढ़ने लगी और लगा कि मिट्टी देने वालों की संख्‍या बहुत अधिक होती जा रही है तो पुलिस ने रोक दिया। इस बीच अफजाल और डीएम के बीच ये तीखी नोंकझोंक हुई। हालांकि बाद में प्रशासन ने कुछ लोगों को जाने दिया और अफजाल अंसारी और परिवारीजनों की अपील पर काफी लोग लौट। इसके बाद स्थिति सामान्‍य हो गई।
इस पर सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि आप कुछ भी हों, मिट्टी देने के लिए अपने धार्मिक प्रायोजन के लिए किसी परमिशन की जरूरत नहीं। दुनिया में कहीं इसके लिए परमिशन नहीं ली जाती। इस पर डीएम ने अफजाल अंसारी को यह भी याद दिलाया कि गाजीपुर में धारा-144 लागू की गई है। तब सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि धारा-144 में भी अंतिम संस्कार के लिए परमिशन नहीं लेनी होती है।
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