गुरुग्राम : इस शख्स ने ब्लैक फंगस को दी मात, समय रहते करवाया इलाज

ब्लैक फंगस को मात देने के बाद क्या बोले सरन

Update: 2021-05-22 18:21 GMT

कोरोना वायरस (Corona Virus) की घातक दूसरी लहर (Second Wave) और उसके बाद के परिणामों के बीच Mucormycosis या ब्लैक फंगस (Black Fungus) ने देश के सामने एक और चुनौती पेश की है. हालांकि ब्लैक फंगस के मामले बहुत अधिक संख्या में सामने नहीं आए हैं. कुछ मामलों में यह जानलेवा भी हो जाता है. देश के कई राज्यों में इसे महामारी घोषित किया जा चुका है. कोरोना रोगियों में ब्लैक फंगस की शिकायत अधिक मिली है, जो अभी भी ठीक हो रहे हैं और मधुमेह के रोगी हैं.

42 वर्षीय गुरुग्राम निवासी पुष्कर सरन कोरोना वायरस संक्रमित होने के बाद ब्लैक फंगस के शिकार हो गए थे. कोरोना के इलाज के दौरान उन्हें म्यूकोर्मिकोसिस हो गया और उनके बाएं सिर और हाथ में दर्द होने लगा. इसके बाद सरन ने Fess (फंक्शनल इंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी) और डिब्राइडमेंट सर्जरी करवाई, जिसने म्यूकोर्मिकोसिस के मामलों में कारगर साबित हुई है.
ब्लैक फंगस को मात देने के बाद क्या बोले सरन?
सरन ने कहा, "मेरे चेहरे के बाईं ओर सुन्नता थी. आंखें लाल हो गई थीं, जिनमें पानी भर गया था. मेरे ऊपरी जबड़े के बाईं ओर के दांत सुन्न हो गए थे. मेरी सर्जरी हुई और मैं अब ठीक हूं. अभी भी कुछ सुन्नता है लेकिन यह ठीक हो जाएगा." मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल साकेत के एचओडी डॉ सुमित मृग ने कहा कि इलाज के लिए देर से आने वाले 25 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई.
ब्लैक फंगस के इलाज को लेकर डॉक्टर की राय
डॉ मृग ने कहा, "अगर कोई रोगी जिसको कोरोना है और स्टेरॉयड उपचार से गुजरा है या उसे सिर के एक तरफ दर्द, आधे हिस्से में चेहरे पर दर्द, आंखों में जमाव, आंखों से किसी तरह का रिसाव होता है तो एंडोस्कोपी करवाएं. सरन कोरोना से ठीक हो चुके थे. उन्हें मधुमेह भी नहीं था और वो स्टेरॉयड पर थे. वो आंखों में दर्द, सूजन और चेहरे के आधे हिस्से में दर्द होने पर अस्पताल पहुंचे थे.


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