PM मोदी ने तीन युद्धपोतों INS सूरत, INS नीलगिरि और INS वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया, दुश्मन का काल...जानिए ताकत

Update: 2025-01-15 06:29 GMT

मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार सुबह घनघोर कोहरे के बीच दिल्ली से मुंबई पहुंचे। यहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में नौसेना के तीन अग्रणी युद्धपोतों INS सूरत, INS नीलगिरि और INS वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन फ्रंटलाइन नौसैनिक युद्धपोतों के नौसेना में शामिल होने से रक्षा क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने की भारत की कोशिशों को मजबूती मिलेगी तथा आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रयास बढ़ेगा।

इनकी ताकत
आईएनएस सूरत की खासियत:
पी15बी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर परियोजना का चौथा और अंतिम युद्धपोत
164 मीटर लंबाई और 7400 टन भार ढोने की क्षमता
समुद्र में 30 नॉट्स (लगभग 55 किलोमीटर) की स्पीड
यह दुनिया के सबसे बड़े और सबसे उन्नत विध्वंसकों में से एक
इस जहाज में 75 फीसदी स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल
अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस
सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने की क्षमता
इस युद्धपोत का शामिल होना भारतीय नौसेना की बढ़ती ताकत और आत्मनिर्भरता का प्रतीक
आईएनएस नीलगिरि की खूबी:
पी17ए स्टील्थ फ्रिगेट परियोजना का पहला जहाज
भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन
आईएनएस नीलगिरि स्टील्थ तकनीक से लैस
149 मीटर लंबाई और 6670 टन भार ढोने की क्षमता
समुद्र में लंबे समय तक ऑपरेशन करने की क्षमता
अगली पीढ़ी के स्वदेशी फ्रिगेट का एक उत्कृष्ट उदाहरण
देश की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को करेगा और मजबूत
सतह से सतह मिसाइल और मीडियम रेंज सतह से हवा में मार करने की क्षमता
आईएनएस वाघशीर की खास बातें:
पी75 स्कॉर्पियन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी
67 मीटर लंबी और 1550 टन वजनी
एंटी शिप मिसाइल, वायर-गाइडेड टॉरपीडो और उन्नत सोनार सिस्टम से लैस
यह पनडुब्बी निर्माण में देश की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतीक
इसका निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से किया गया
इसके नौसेना में शामिल होने से देश की पनडुब्बी क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी
यह देश को और अधिक आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा
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