शिमला: हिमाचल प्रदेश के जंगलों में लगी आग निरंतर धधक रही है। आग की वजह से शिमला और सोलन के साथ-साथ प्रदेश के विभिन्न इलाकों में वन संपदा को नुकसान पहुंच रहा है। राज्य के जंगलों में लगी आग पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र धर्माणी ने अपनी चिंता जाहिर की है।
उन्होंने कहा है कि आग लगने के कारण वनों को नुकसान होने के साथ ही जीव जंतुओं और पर्यावरण पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है। आग की वजह से जल स्रोत सूख रहे हैं। प्रदेश के धधकते जंगलों की आग की आंच का असर ग्लेशियरों पर भी पड़ रहा है, जिससे पर्यावरण को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। उनका कहना है कि जल, जंगल, जमीन हमारी धरोहर हैं। लेकिन हर साल जंगलों में आग लगने की वजह से करोड़ों रुपये की हानि हो रही है। भाजपा प्रवक्ता ने इसे आने वाले भविष्य के लिए गंभीर चुनौती बताया।
महेंद्र धर्माणी ने कहा कि जब प्रदेश के जंगल, जल स्रोत, ग्लेशियर नहीं बचेंगे तो फिर पहाड़ का अस्तित्व भी नहीं बचेगा। वह कोई सरकार पर आरोप नहीं लगा रहे हैं, बल्कि सच्चाई बयां कर रहे हैं और चेतावनी की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
पर्वतीय जिलों में जंगल धधक रहे हैं, लेकिन सरकार के पास इसे रोकने की कोई ठोस कार्य योजना नहीं है। यहां तक की वन महकमे में वन कर्मियों का अभाव बना हुआ है। इस दिशा में सरकार भी गंभीर दिखाई नहीं दे रही है।
कांग्रेस सरकार जंगलों के प्रति गंभीर होने की बजाय चुनाव प्रचार और चुनावी राजनीति तक सिमट गई है। धर्माणी का मानना है कि राज्य के जंगलों में लगी आग की वजह से चिंताजनक स्थिति उत्पन्न होने जा रही है।