GS बाली मदर एंड चाइल्ड अस्पताल की फायर एनओसी लटकी

Update: 2024-07-17 09:29 GMT
TMC. टीएमसी। डाक्टर राजेंद्र प्रसाद आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल में नवनिर्मित 44 करोड़ की लागत से बने जीएस बाली मदर एंड चाइल्ड अस्पताल के भवन की फायर एनओसी लटक गई है। कुछ माह पहले हुए उद्घाटन के बाद जीएस बाली मदर एंड चाइल्ड अस्पताल का भवन बिना रैंप के बनाया जाना फायर एनओसी की राहों में रोड़ा बन गया है। शायद जीएस बाली मदर एंड चाइल्ड अस्पताल हिमाचल में पहला अस्पताल होगा, जिसमें रैंप ही नहीं बनाया गया है। इसमें अस्पताल भवन निर्माता सीपीडब्ल्यूडी का कहना है कि इस अस्पताल में नई तकनीक की लिफ्टें लगाई गई, जो कि कभी भी खराब या बंद नहीं होगीं, लेकिन अस्पताल भवन निर्माता सीपीडब्ल्यूडी यह भूल गया कि बिना रैंप के अस्पताल को फायर
एनओसी मिलना टेढ़ी खीर है।

क्योंकि एमर्जेंसी के दौरान जब लिफ्टें कार्य करना बंद कर देती हैं चाहे उसमें बिजली का न होना या लिफ्टों का खराब होना शामिल हो इस परिस्थिति में रैंप ही एक ऐसा विकल्प होता है, जो ऐसी स्तिथि में काम आता है। ऐसे में लाइट न होने या लिफ्ट के खराब होने की स्थिति में अन्य विकल्प रैंप ही बचता है, जो कि इस अस्पताल भवन में नहीं बनाया है। कूड़े व कचरे के डस्टबिनों को भी सर्विस गाड़ी स्कूटर के द्वारा ले जाया जाता है अब ऐसे में बिना रैंप वेस्ट डस्टबिनों को नीचे कैसे लाया जाएगा। जाहिर सी बात है कि यहां गर्भवती महिलाएं आएंगी, ऐसे में उनका सीढियां चढ़ कर तीसरी मंजिल तक पहुंचना बहुत मुश्किल है। गायनी विभाग में 50 बिस्तरों से बढ़ाकर 200 बिस्तरों वाले जीएस बाली मदर एंड चाइल्ड अस्पताल भवन का निर्माण किया गया था, ताकि गर्भवती महिलाओं को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। लेकिन भवन में रैंप दीवारों में पानी और अब फायर एनओसी के लटकने से मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
Tags:    

Similar News

-->