Extreme heat ने सुखा दी सीर खड्ड, संकट में मछलियां

Update: 2024-06-21 10:59 GMT
Bam. बम्म. हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला में बरसात में खलबली मचाने वाली सबसे बड़ी सीर खड्ड तेज धूप व भीषण गर्मी के कारण सूख गई है। सीर खड्ड व इसकी सहयोगी नदी-नालें पानी न होने पर 10 से 15 फुट गहरी खाइयों आलों में मछलियों का नामोनिशान मिट गया है। बची शेष मछलियों को सारस, कांजू, बगले और अन्य पक्षी चट कर रहे हैं। आलम यह है कि जलचर जीव जंतु पूर्ण रूप से नष्ट हो गए हैं, वहीं इसमें चलने वाली 70 में से लगभग तीन दर्जन से अधिक उठाऊं सिंचाई जल और पेयजल आपूर्ति स्कीमें ठप्प हो चुकी है। इतनी ही और योजनाएं सूखने के कगार पर हैं। वहीं लगभग सौ में से सात दर्जन से अधिक घराट या तो लुप्त या फिर ठप्प हो चुके हैं। खेतों को सिंचित करने वाली कूहले भी शो पीस बन गई हैं। एक समय था जब सीर खड्ड और सहयोगी नदी-नालों में लगभग 100 से ज्यादा घराट, कोहलू, पिंजा व धान कुटाई की मशीनरी पानी से चला करती थी। ऐसे में सैकड़ों परिवार घराटियों को रोजगार के साथ आय का साधन होता था। जानकारी के अनुसार तीन दर्जन से अधिक पेयजल योजनाएं पानी की वजह से हांफ चुकी हैं तथा
लोग बूंद-बूंद को तरस रहे हैं।
आलम यह है कि जल शक्ति विभाग ने वाटर लेवल स्थिर रखने में कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। जलशक्ति विभाग को चाहिए कि वह छोटे-छोटे चैक डैम सौ सौ मीटर पर लगवाएं जिससे जलस्तर बढ़ सके। क्षेत्र के लोगों कमलेश कुमार, कृष्ण सिंह, मदन लाल, सुंदर राम, नेक राम शर्मा, मनोहर लाल शर्मा, प्रेम लाल शर्मा, प्यारे लाल, द्वारका प्रसाद, शेर सिंह धीमान, नरोत्तम शर्मा, ईश्वर दास शर्मा, दिनेश कुमार शर्मा, रतनलाल, जगरनाथ, देवराज, इंद्र शर्मा, नंद लाल, धर्म चंद शर्मा, कालीदास, होशियार सिंह, किशोरी लाल, लेख राम शर्मा, रमेश कुमार, अमरनाथ शर्मा, रोशन लाल, प्रकाश, राकेश कुमार, रविंद्र कुमार, नरोत्तम राम व कर्म चंद ने बताया कि नदी, नालों व खड्डों के सूखने से सरकाघाट, जाहू से घुमारवीं तक 15-18 फुट गहरी खाईयां आलें सूखने पर मछलियां और जलचर जीव जंतु पूर्ण रूप से नष्ट हो चुके हैं। वहीं लगभग तीन दर्जन से अधिक सिंचाई व पेय जल योजनाएं सूखे से ठप्प हो चुकी है और इतनी ही हांफने के कगार पर हैं। घुमारवीं उपमंडल में लगभग 70 से ज्यादा पेयजल और सिंचाई जल योजनाएं स्थापित है। आलम यह है कि भीषण गर्मी और सूखे के कारण जलस्रोतों और खड्डों में पानी न होने से जल योजनाएं दम तोड़ चुकी है. जल शक्ति विभाग के सहायक अभियंता रविन्द्र कुमार ठाकुर ने बताया कि भीषण गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे प्राकृतिक जल स्रोत सूख चुके हैंं। सीर खड़्ड और उसकी सहयोगी खड्डे सूख गई हैं। उन्होंने माना कि 70 में से लगभग तीन दर्जन से अधिक पेयजल व सिंचाई जल योजनाएं दम तोड़ चुकी हैं और इतनी ही प्रभावित होने के कगार पर हैं। समस्या गंभीर रूप धारण कर रही है अगर जल्द अच्छी बारिश नहीं हुई तो विभाग और जनता के लिए गम्भीर समस्या बन सकती है। लोगों से आग्रह किया है कि पानी व्यर्थ न गवाएं तथा विभाग का सहयोग करें।
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