Raipur Breaking: केंद्रीय जेल के सहायक जेल अधीक्षक और प्रहरी सस्पेंड

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Update: 2025-02-07 16:32 GMT
Raipur. रायपुर। रायपुर केंद्रीय जेल में बीते 31 जनवरी को सजा काट रहे बंदियों के साथ मारपीट का मामला सामने आया था। सहायक जेल अधीक्षक उदय राज गायकवाड़, प्रहरी जागेश्वर कुर्रे और पवन जायसवाल को सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्रवाई जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य के निर्देश पर की गई है। बीते 2 फरवरी को ”बेटे के जन्मदिन पर आशीर्वाद देने जेल पहुंची मां, हुए 10 मिनट से ज्यादा तो प्रहरियों ने बेटे का तोड़ा पैर! जेल अधीक्षक ने दिए जांच के आदेश” शीर्षक के साथ जेल में बंदियों से मारपीट की खबर प्रकाशित की थी। जिसमें बताया गया था कि बीते 31 जनवरी को एनडीपीएस के आरोप में 18 महीने से रायपुर केंद्रीय जेल में सजा काट रहे एक बंदी पीयूष पांडे की मां उससे मिलने गई थी। इस दौरान मिलने का समय 10 मिनट से अधिक होने पर
प्रहरी
बंदी की मां से 10 हजार रुपए की मांग करने लगे। वहीं, पैसे न देने पर प्रहरियों ने पीयूष के साथ बेरहमी से मारपीट कर उसका पैर तोड़ दिया। इस घटना में उसका घुटना भी टूट गया। बता दें कि यह आरोप पीयूष पांडे के पिता पुरुषोत्तम पांडे ने लगाए थे।

जब हमने इस बारे में जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य से बात की तो उन्होंने पैर फ्रैक्चर होने की बात से इनकार करते हुए नोकझोंक की बात स्वीकार की थी और जेल प्रशासन द्वारा पूरे मामले की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की बात कही थी। जांच में इन अधिकारियों को ड्यूटी में लापरवाही बरतने और बंदियों के साथ दुर्व्यवहार करने का दोषी पाया गया। अब जेल प्रशासन ने एक्शन लेते हुए सहायक जेल अधीक्षक उदय राज गायकवाड़, प्रहरी जागेश्वर कुर्रे और पवन जायसवाल को सस्पेंड कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक 31 जनवरी को पीयूष पांडे से मारपीट के अलावा, कथित रूप से लेडी डॉन मुस्कान रात्रे के पति के साथ मारपीट को लेकर बड़ी गोल में बंद दो-तीन कैदियों के साथ सहायक जेल अधीक्षक गायकवाड़ और प्रहरियों ने विवाद किया और फिर उनके साथ
मारपीट
कर दी। बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद जेल के अंदर माहौल तनावपूर्ण हो गया था, जिससे अन्य कैदियों में भी आक्रोश था। गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब इन जेल अधिकारियों पर इस तरह के आरोप लगे हों। इससे पहले भी उदय राज गायकवाड़ और कुछ अन्य अधिकारियों पर बंदियों के साथ दुर्व्यवहार करने और अनुशासनहीनता के कई मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, रायपुर केंद्रीय जेल प्रशासन का कहना है कि जेल में अनुशासन बनाए रखने और बंदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की सख्त कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
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