Delhi: बहुत खराब श्रेणी में दिल्ली की वायु गुणवत्ता, 371 रहा औसत एक्यूआई

Update: 2024-11-22 05:26 GMT
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार सुबह हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में रही और कई इलाकों में हल्की धुंध भी देखने को मिली। दिल्ली में धुंध की परत बनी रही और सुबह 7:15 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 371 था, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। 200 से 300 तक का एक्यूआई "खराब", 301 से 400 तक "बहुत खराब", 401 से 450 तक "गंभीर" और 450 से ज्यादा "गंभीर प्लस" माना जाता है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कई दिनों तक 'गंभीर' और 'गंभीर प्लस' श्रेणी में रहने के बाद गुरुवार को दिल्ली की हवा की गुणवत्ता थोड़ा बेहतर होकर 'बहुत खराब' हो गई। हालांकि कुछ इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर अभी भी गंभीर बना हुआ है। दिल्ली के सात इलाकों में एक्यूआई लेवल 400 से ऊपर और 450 के बीच रहा। आनंद विहार में 410, बवाना में 411, जहांगीरपुरी में 426, मुंडका में 402, नेहरू नगर में 410, शादीपुर में 402 और वजीरपुर में 413 रहा। दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में रही। अलीपुर में 389, अशोक विहार में 395, आया नगर में 369, बुराड़ी क्रॉसिंग में 369, चांदनी चौक में 369, मथुरा रोड में 333, डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में 357, आईजीआई एयरपोर्ट पर 357, दिलशाद गार्डन में 320, आईटीओ और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 344 एक्यूआई रहा।
इस बीच, केंद्र ने अपने कर्मचारियों के लिए अलग-अलग काम के घंटे तय किए हैं। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, कर्मचारियों से वाहन प्रदूषण कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने को कहा गया है। आदेश में कहा गया है कि कार्यालय सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक या सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक खुल सकते हैं। गंभीर वायु प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कड़े कदम उठाए हैं और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) में बदलाव किया है।
संशोधित दिशानिर्देशों के तहत, एनसीआर राज्यों को ग्रैप चरण 3 में कक्षा 5 तक और ग्रैप चरण 4 में कक्षा 12 तक की स्कूलों की ऑफलाइन कक्षाएं बंद करना अनिवार्य कर दिया गया है। संशोधित जीआरएपी में स्टेज 3 के तहत एक नया निर्देश भी जोड़ा गया है, जिसमें राज्य सरकारों को सार्वजनिक कार्यालयों और नगर निकायों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित करने की जरूरत है, ताकि यातायात और प्रदूषण कम किया जा सके। जीआरएपी स्टेज 4 के तहत, लोगों को खतरनाक वायु गुणवत्ता के दौरान बाहर मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
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