तमिलनाडु के राज्यपाल के खिलाफ 28 को विरोध प्रदर्शन करेगी भाकपा

Update: 2023-02-25 08:21 GMT

फाइल फोटो

चेन्नई (आईएएनएस)| भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) राज्य के राज्यपाल आरएन रवि की टिप्पणी के खिलाफ पूरे तमिलनाडु में विरोध मार्च निकालेगी। भाकपा के राज्य सचिव आर मुथरासन ने एक बयान में कहा कि राज्यपाल कम्युनिस्ट पार्टियों के खिलाफ नियमित रूप से बयान देते रहे हैं और यह आरएसएस की एक राजनीतिक लाइन थी।
उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल ने अपमानजनक टिप्पणी करना बंद नहीं किया तो भाकपा उन्हें राजभवन से बाहर नहीं आने देगी।
मुथरासन ने यह भी कहा कि राज्यपाल सनातन धर्म और जाति का समर्थन करते रहे हैं और देश में प्रचलित संवैधानिक प्रावधानों और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ बोलते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल के इस बयान ने अमीरों और वंचितों के बीच सतत संघर्ष को जन्म दिया, यह आरएसएस के विचार को मुख्यधारा में लाने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।
सीपीआई तमिलनाडु राज्य सचिव ने कहा कि आरएसएस के लिए मुसलमानों और ईसाइयों के साथ कम्युनिस्ट प्रमुख दुश्मन है।
कुछ दिनों पहले एक पुस्तक विमोचन के दौरान राज्यपाल ने कहा कि उपनिवेशवादी दिमागों ने भारतीय बौद्धिक स्थान को नियंत्रित किया और एकात्म मानववाद के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय जैसे भारतीय विद्वानों और बुद्धिजीवियों को दरकिनार करते हुए मार्क्‍स, रूसो और अब्राहम लिंकन की पूजा की गई।
उन्होंने आगे कहा कि मार्क्‍स के विचार भारत के खिलाफ थे और देश के विकास में बाधा बने थे।
संबंधित घटनाक्रम में पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक नेता एस. रामादोस राज्यपाल के सख्त खिलाफ हो गए हैं।
रामादोस ने कहा कि कार्ल मार्क्‍स पीएमके के मार्गदर्शक आदशरें में से एक थे और कहा कि मार्क्‍सवादी विचारक के खिलाफ राज्यपाल की टिप्पणी निंदनीय है।
पीएमके नेता ने रवि से अपना बयान वापस लेने का आह्वान किया।
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