CGST के अधीक्षक और इंस्पेक्टर रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार, ये है आरोप

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Update: 2022-03-09 13:43 GMT

अंडमान निकोबार: सीजीएसटी में तैनात दो अधिकारियों की पोस्टिंग भले ही कालापानी कहे जाने वाले अंडमान निकोबार में थी लेकिन वहां भी वे रिश्वत लेने से बाज नहीं आए और सीबीआई की शिकंजे में कस गए. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अंडमान निकोबार में तैनात सीजीएसटी के अधीक्षक और इंस्पेक्टर को रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया है. इन लोगों को रंगे हाथ ₹5000 लेते पकड़ा गया जबकि बरामदगी नौ लाख रुपए से ज्यादा की हुई. दोनों अधिकारी अब जेल की सलाखों के पीछे है.

केंद्रीय जांच ब्यूरो के प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक गिरफ्तार अधिकारियों के नाम अतनु कुमार दास अधीक्षक और इंस्पेक्टर मनोज कुमार है. इन दोनों अधिकारियों की तैनाती सीजीएसटी के पोर्ट ब्लेयर कार्यालय में थी. सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायतकर्ता ने सूचना दी थी कि उसने अपनी कंपनी के लिए जीएसटी पंजीकरण कराना था. इस काम के लिए जब वह पोर्ट ब्लेयर स्थित सीजीएसटी के कार्यालय में पहुंचा तो वहां उससे इस काम के बदले आरोपी अधिकारियों ने 20 हजार रुपए की मांग की.
आरोप है कि जब शिकायतकर्ता ने इतने पैसे देने में असमर्थता जाहिर की तो उसे कहा गया कि उसका पंजीकरण नहीं होगा. सीबीआई के मुताबिक आरोपी अधिकारियों ने बातचीत के दौरान रिश्वत की राशि कथित रूप से घटाकर 15 हजार रुपए तय की. आगे यह भी आरोप है कि अधीक्षक ने शिकायतकर्ता को कहा कि वह रिश्वत की राशि का भुगतान पोर्ट ब्लेयर में तैनात इंस्पेक्टर को कर दें.
शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर सीबीआई ने मामले की आरंभिक जांच की और जब आरंभिक जांच के दौरान महत्वपूर्ण आरंभिक तथ्य पाए गए तो आरोपी अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाकर 5 हजार रुपए की रिश्वत ले रहे अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद इन दोनों के ठिकानों पर छापेमारी की गई.
सीबीआई के मुताबिक इस छापेमारी के दौरान नौ लाख 33 हजार रुपए की नगदी एवं आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए. दोनों अधिकारियों को पोर्ट ब्लेयर स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया. जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है मामले की जांच जारी है.
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