जज पर फायरिंग का मामला, गैंगस्टर को कोर्ट ने किया बरी

साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है

Update: 2024-04-22 08:10 GMT

जमशेदपुर। जमशेदपुर में 16 साल पहले सिविल कोर्ट के पूर्व जज आरपी रवि पर की गई फायरिंग के मामले में गैंगस्टर अखिलेश सिंह को जिला अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। एडीजे-4 न्यायाधीश आनंद मणि त्रिपाठी के कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद सोमवार को यह फैसला सुनाया। अखिलेश फिलहाल राज्य की दुमका जेल में बंद है। घटना 19 मार्च 2008 को हुई थी।

सिविल कोर्ट से रिटायर जज और स्थायी लोक अदालत के तत्कालीन चेयरमैन आरपी रवि सुबह-सुबह जमशेदपुर के साकची बाजार से फल और सब्जी खरीदकर लौट रहे थे, तब बाइक सवार दो बदमाशों ने उनपर फायरिंग की थी। उन्हें छाती, पैर और कान की बाईं तरफ गोलियां लगी थीं। वह जख्मी होकर सड़क पर गिर पड़े थे। सूचना मिलने पर पत्नी बीरा प्रसाद ने अन्य लोगों की मदद से उन्हें टाटा मेन हॉस्पिटल में दाखिल कराया था। पुलिस ने इस मामले में दर्ज कराई गई एफआईआर में जांच के बाद गैंगस्टर अखिलेश सिंह, बंटी जायसवाल, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू सिंह और रितेश राय को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट अदालत में दायर की थी।

बताया गया था कि तत्कालीन जज आरपी रवि ने साकची जेल के तत्कालीन जेलर उमाशंकर पांडेय हत्याकांड में गैंगस्टर अखिलेश सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले से नाराज गैंगस्टर अखिलेश सिंह ने बदला लेने की नीयत से उनके गुर्गों ने फायरिंग करवाई थी। अदालत में इस केस में अनुसंधान पदाधिकारी समेत कुल 22 लोगों की गवाही हुई थी, लेकिन गैंगस्टर अखिलेश सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 307, 120 बी,आर्म्स की धारा साबित नहीं हो सकी। कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रकाश झा, अधिवक्ता विद्या सिंह ने पक्ष रखा, जबकि आरोपी गैंगस्टर अखिलेश सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश हुआ।

इस केस में आरोपी रहे बंदी जायसवाल, रितेश राय, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू सिंह के खिलाफ अलग से सुनवाई चल रही है। बता दें कि कई आपराधिक मामलों में जेल में बंद अखिलेश श्रीलेदर्स शूज कंपनी के मालिक आशीष डे की हत्या, ट्रांसपोर्टर उपेंद्र शर्मा हत्याकांड, टाटा स्टील के सुरक्षा पदाधिकारी जयराम सिंह हत्याकांड, बिरसानगर सृष्टि गार्डन बेनामी संपत्ति केस सहित कई मुकदमों में एक-एक कर बरी हो चुका है।

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