ऊंट की बलि, काटी गई गर्दन, 4 गिरफ्तार, इस कारण अंधविश्वास के जाल में फंसे

ऊंट को करीब दो दिन तक घटनास्थल के आस-पास घुमाया और उसे चारा आदि खिलाया लेकिन मौका नहीं मिलने से बलि नहीं दे पाए.

Update: 2021-06-10 02:37 GMT

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राजस्थान के उदयपुर में अंधविश्वास की वजह एक इंसान वहशी बन गया. जिले के सूरजपोल इलाके में पुलिस क्वार्टरों के पीछे ही एक व्यवसायी ने एक भोपा के कहने पर ऊंट की गर्दन काट दी और तंत्र मंत्र किया. राज्य पशु की बलि के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने 24 मई को ऊंट की गर्दन काटकर बलि देने का खुलासा कर मामले में दूध व्यवसायी राजेश उर्फ राजू पुत्र लालू राम निवासी बलीचा, गोवर्धन विलास, उसके एक साथी रघुनाथ उर्फ रघुवीर सिंह पुत्र प्रेम सिंह देवडा निवासी सवीना खेडा, भोपा शोभा लाल पुत्र मेंदु लाल व भोपा के पुत्र चंद्र प्रकाश उर्फ चेतन निवासी टेकरी को गिरफ्तार कर लिया है.
उदयपुर एसपी डॉक्टर राजीव पचार ने बताया कि 24 मई की शाम थाना सूरजपोल के टेकरी इलाके में पुलिस क्वार्टरों के पीछे एक खाली प्लॉट में वहां से गुजर रहे पानी सप्लाई करने वाले सूरजपोल निवासी करण को एक मृत ऊंट पड़ा दिखाई दिया, जिसका केवल धड़ पड़ा था, गर्दन नहीं थी.
पुलिस को रिपोर्ट देने पर जांच शुरू की गई. प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए एएसपी गोपालस्वरूप मेवाडा एवं सीओ राजीव जोशी की सुपरविजन में थानाधिकारी सूरजपोल हनवन्त सिंह की एक टीम गठित की गई.
गठित टीम ने तकनीकी संसाधनों एवं मुखबिर की सूचना पर संदिग्ध चारों आरोपितों को डिटेन कर पूछताछ की तो उन्होंने राज्य पशु ऊंट की हत्या की घटना करना स्वीकार कर लिया. जिस पर अभियुक्तों को गिरफतार कर निशानदेही से ऊंट की गर्दन को दूध व्यवसायी राजेश उर्फ राजू के घर के बाहर जमीन के अंदर से बरामद कर लिया गया.
पुलिस ने बताया कि राजेश उर्फ राजू बलीचा में दूध डेयरी का व्यवसाय करता है, जिसके पास स्वयं की करीब 30-35 गायें हैं. कुछ समय से राजेश की गाय दूध कम दे रही थी. जिस वजह से वह परेशान रहने लगा. राजेश ने जादू टोने का काम करने वाले भोपा शोभा लाल माली से संपर्क किया तो उसने ऊंट की बलि देने पर सभी परेशानियां दूर करने की बात कही और पुलिस लाइन के आस-पास लावारिस ऊंट होने की बात भी बताई.
इसी क्रम में राजेश उर्फ राजू ने इस वारदात को अंजाम देने के लिए अपने साथी रघुनाथ उर्फ रघुवीर सिंह एवं भोपा शोभा लाल तथा उसके पुत्र चंद्रप्रकाश उर्फ चेतन को साथ लेकर टेकरी के आस-पास ऊंट की तलाश की. ऊंट को करीब दो दिन तक घटनास्थल के आस-पास घुमाया और उसे चारा आदि खिलाया लेकिन मौका नहीं मिलने से बलि नहीं दे पाए.
23 मई की रात करीब 11 बजे मौका पाकर पुलिस क्वाटर्स टेकरी के पीछे सुनसान क्षेत्र में खाली भूखंडों में ले जाकर चंद्र प्रकाश और रघुनाथ उर्फ रघुवीर ने धारदार तलवार एवं कुल्हाडी से ऊंट की गर्दन को काट किया और उसे कट्टे में भरकर भोपा के खेत में ले जाकर रख दिया और टोना टोटका किया. दो दिन बाद गर्दन को राजेश उर्फ राजू अहीर के बलीचा स्थित मकान के बाहर गड्ढा खोद कर दबा दिया गया.
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