हिमाचल प्रदेश की नदियों से निकलेगी और 22 हजार मेगावाट बिजली

Update: 2024-10-01 10:11 GMT
Shimla. शिमला। हिमाचल प्रदेश में हाइड्रो पावर की 24 हजार मेगावाट की क्षमता के बाद 22 हजार मेगावाट और बिजली उत्पन्न करने का आकलन सामने आया है। यह उत्पादन भी प्रदेश की नदियों से ही होगा और इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। जो बिजली परियोजनाएं राज्य में पहले से लगी हुई हैं, उन्हीं को विस्तार देते हुए वहां पर पंप ऑपरेटेड प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे, जिससे हिमाचल की अतिरिक्त बिजली क्षमता का दोहन हो सकेगा। प्रदेश में बिजली उत्पादन को लेकर एक बड़ा आकलन सामने आया है, जिसमें पंप ऑपरेटेड परियोजनाओं से 22 हजार 74 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकता है। यह प्रारंभिक सर्वे है, क्योंकि इतनी क्षमता की परियोजनाओं का
चिन्हित कर दिया गया है।


इसके अलावा भी कई ऐसे निजी प्रोजेक्ट हैं, जहां पर पंप ऑपरेटेड परियोजनाएं लगाई जा सकती हैं। जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार को केंद्रीय उपक्रमों ने अपना आकलन देते हुए कुल 23 परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव दे दिए हंै। लंबे समय के बाद सरकार को बिजली क्षेत्र से यह खुशखबरी मिली है। इसमें दो सरकारी प्रोजेक्ट भी शामिल हैं, जो कि पावर कारपोरेशन द्वारा बनाए जाने की इच्छा जताई गई है। सरकार अपनी नीति के अनुसार इन परियोजनाओं का आबंटन करती है, तो उसे फायदा मिलेगा। वैसे इस नीति पर भी अभी काम किया जा रहा है, जिसमें और ज्यादा लाभ सरकार देख रही है। सूत्रों के मुताबिक हिमाचल सरकार को सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड ने 2570 मेगावाट की कुल क्षमता वाली चार पंप स्टोरेज परियोजनाओं के प्रस्ताव भेजे हैं।
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