आदि शौर्य कार्यक्रम का समापन, विशाल दर्शक वर्ग इस आयोजन का साक्षी बना

Update: 2023-01-25 09:34 GMT
नई दिल्ली: केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा तथा रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आज नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आदि शौर्य पर्व के समापन दिवस की शोभा बढ़ाई। आयोजन के दूसरे दिन 50,000 से अधिक दर्शकों की भारी भीड़ ने यहां पर उपस्थित होकर इस कार्यक्रम को यादगार बना दिया।
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय और भारतीय तटरक्षक बल के साथ समग्र साझेदारी में "आदि शौर्य - पर्व पराक्रम का" आयोजन के दूसरे दिन को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जन्म जयंती (पराक्रम दिवस) को समर्पित किया गया। इस उपलक्ष्य में सशस्त्र बलों के शानदार प्रदर्शन और रंग-बिरंगे परिधानों से सजे आदिवासियों द्वारा प्रस्तुत की गई नृत्य प्रस्तुतियों ने वहां उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया।
अर्जुन मुंडा ने इस अवसर पर आदि शौर्य उत्सव के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा, "माननीय प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि भारत की स्वतंत्रता एक नए भारत के निर्माण के लिए हमारे नायकों का सपना था, एक ऐसा भारत बनाना जहां पर गरीबों, किसानों, मजदूरों और आदिवासी लोगों सहित सभी को समान अवसर उपलब्ध कराए जाते हों।"
अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आदिवासियों के कल्याण तथा विकास को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है और इसके अत्यधिक उत्साहजनक परिणाम दर्ज किए गए हैं। नतीजतन, आदिवासी लोग अब जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रमुखता से अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदि शौर्य इसी कड़ी का हिस्सा हैं, क्योंकि इस समारोह के माध्यम से देश के लोगों ने आदिवासी संस्कृति और विरासत की झलक देखी है।
अर्जुन मुंडा ने कहा कि जनजातीय समुदाय के लोग भारत पर्व में भी भाग लेंगे और अद्वितीय जनजातीय संस्कृति तथा विरासत को प्रदर्शित करेंगे।
मध्य प्रदेश, केरल, अरुणाचल प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, लद्दाख और अन्य राज्यों के जनजातीय नृत्य मंडलों ने मंत्रमुग्ध कर देने वाले जोशपूर्ण नृत्यों का प्रदर्शन किया। स्टेडियम में उपस्थित दर्शक हिमाचल प्रदेश के गद्दी नाटी, गुजरात के सिद्धि धमाल, लद्दाख के बाल्टी नृत्य शैली, जम्मू और कश्मीर के मंघो नृत्य, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया छाऊ तथा कई अन्य उत्कृष्ट नृत्य विधाओं के साक्षी बने।
26 जनवरी, 2023 को गणतंत्र दिवस परेड में आदिवासी संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने वाली झांकी भी दिखाई जाएगी।
पद्म श्री तथा प्रसिद्ध पार्श्व गायक कैलाश खेर ने अपनी शानदार प्रस्तुति और मोहक एवं सुरीली आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
रक्षा मंत्रालय, भारतीय तटरक्षक बल के गणमान्य व्यक्तियों और जनजातीय कार्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस विशेष अवसर की शोभा बढ़ाई।
Tags:    

Similar News

-->