CM Dhami: मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग द्वारा प्रभावी कदम उठाए जाएं

Update: 2024-07-19 15:19 GMT
Dehradunदेहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग द्वारा और अधिक प्रभावी प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 20वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए। सीएम धामी ने कहा, "मानव- वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग द्वारा और अधिक प्रभावी प्रयास किए जाने चाहिए। इसे रोकने के लिए एक सुनियोजित नीति बनाई जानी चाहिए, और उस पर गंभीरता से काम किया जाना चाहिए। मानव-वन्यजीव संघर्ष में मृतकों और घायलों के परिवारों को यथाशीघ्र अनुमन्य सहायता प्रदान की जानी चाहिए। वनों से सटे जो स्थान बायोफेंसिंग से वंचित हैं, उन्हें यथाशीघ्र बायोफेंसिंग से कवर किया जाना चाहिए।" मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए चिन्हित हॉट स्पॉट क्षेत्रों में वन कर्मियों की गश्त बढ़ाई जाए तथा वन कर्मियों को कैमरा ट्रैप, एनाइडर, ट्रैंक्विलाइजर गन आदि पर्याप्त उपकरण दिए जाएं। इसके साथ ही ड्रोन जैसे आधुनिक उपकरणों के माध्यम से भी वन्य जीवों पर नजर रखी जाए। उन्होंने कहा कि जिन प्रभागों में मानव-वन्यजीव संघर्ष के मामले अधिक आ रहे हैं, उन पर विशेष नजर रखी जाए। मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में प्रस्तावित चिड़ियाघर एवं सफारी के मास्टर प्लान पर शीघ्र डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए ।
उन्होंने राजाजी टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत चौरासी कुटिया के विकास एवं उच्चीकरण का कार्य अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने राज्य में वन्यजीव आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु वन्यजीव आधारित डॉक्यूमेंट्री एवं फिल्में बनाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने विभिन्न स्थानों पर बर्ड वाचिंग कैम्प आयोजित करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में प्रस्तावित विकास योजनाओं को नियमों के दायरे में रहते हुए शीघ्र पूरा किया जाये, ताकि आम जनता को सुविधा मिल सके।
बैठक में जानकारी दी गई कि जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से स्वीकृति प्राप्त हो गयी है। जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लॉक में किमसार-भोगपुर मोटर मार्ग के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से स्वीकृति प्राप्त हो गयी है, जिसका निर्माण शीघ्र किया जायेगा। राजाजी टाइगर रिजर्व के लिए टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन का गठन किया गया है , जो 9 वर्षों से लम्बित था। राज्य में वन्य जीव प्रबंधन के सभी बिन्दुओं को सम्मिलित करते हुए वन भूदृश्य पुनरुद्धार हेतु 10 वर्षीय प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत सरकार द्वारा 32 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। राज्य में मानव-वन्य जीव संघर्ष को रोकने हेतु आधुनिक उपकरणों के क्रय हेतु वन प्रभागों को वित्तीय वर्ष 2023-24 में 10 करोड़ 50 लाख रूपये की धनराशि आवंटित की गई है । बैठक में बताया गया कि वर्ष 2009 के पश्चात राज्य में वन विश्राम गृहों की दरों में संशोधन किया गया है। हल्द्वानी जू एवं सफारी, हल्द्वानी के लिए मास्टर प्लान को केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया। प्रदेश में बन्दरों की नसबंदी का कार्य मिशन मोड में किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत जुलाई 2023 से 31 मार्च 2024 तक 39,398 बन्दरों की नसबंदी की जा चुकी है। मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए पांच वन प्रभागों (गढ़वाल, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर एवं नरेन्द्रनगर) के अन्तर्गत "लिविंग विद लेपर्ड" कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की त्वरित रोकथाम के लिए 31 वन प्रभागों के अन्तर्गत 65 त्वरित प्रतिक्रिया दल गठित किए गए हैं। (एएनआई)
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