चांदी के पलने में झूला झूल रहे रामलला, रामजन्‍मभूमि में दो घंटे अतिरिक्त बढ़ाई गयी दर्शनावधि

अयोध्‍या में श्रीराम जन्‍म भूमि पर मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है। इसके साथ ही वहां झूलनोत्‍सव भी शुरू हो गया है।

Update: 2022-08-03 06:27 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अयोध्‍या में श्रीराम जन्‍म भूमि पर मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है। इसके साथ ही वहां झूलनोत्‍सव भी शुरू हो गया है। सावन के पवित्र महीने में श्री राम जन्‍मभूमि परिसर में विराजमान रामलला चांदी के पलने पर झूला झूल रहे हैं। दर्शन की अवध‍ि बढ़ा दी गई है। दर्शनार्थियों को अब सुबह सात बजे से मध्याह्न 12 बजे तक और दूसरी पाली में अपराह्न दो बजे से शाम सात बजे तक दर्शन का मौका मिलेगा।

हरी हरी झांकी निरखो बांकी, अवधलला की रे हारी, मोहन अली तिहारी चितवन चाहत परम कृपा की रामा.. के प्रणीत पदों के गायन के साथ मंगलवार को रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला का झूलन उत्सव शुरू हुआ। सावन पूर्णिमा तक चलने वाले इस उत्सव में आयोजित एक घंटे की सांस्कृतिक संध्या में मंदिर परम्परा के संगीतज्ञ व युवा संत मिथिला बिहारी दास भगवान को प्रतिदिन गीत-संगीत का रसास्वादन कराएंगे। उनके साथ अयोध्या के उदीयमान पखावज वादक वैभवराम दास तबले पर संगत कर रहे हैं। पहले दिन इन संगीतकारों ने अपनी प्रस्तुति से उत्सव में चार चांद लगा दिया।
रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येन्द्र दास शास्त्री ने बताया कि रामलला के लिए रामजन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से करीब चार फिट ऊंचे व साठ किलो वजन के चांदी का झूला पिछले साल बनवाया गया था। इस झूले की फिटिंग रात्रि में विराजमान भगवान के सिंहासन को हटाकर की गयी। सुबह फिर से भगवान का विशेष पूजन-अर्चन किया गया और नये लाल रंग के परिधान में सुसज्जित कर रामलला समेत उनके तीनों अनुजों (भरत, शत्रुघ्न व लक्ष्मण) को क्रमश: प्रतिष्ठित कर दिया गया।
इसके बाद मंगला आरती कर मंदिर आम दर्शनार्थियों के लिए खोला गया। पूर्णिमा तक भगवान का भोजन-शयन झूले पर ही होगा। इसी तरह से विवाह उपासना के प्रसिद्ध स्थान विअहुति में पंचमी के पर्व पर भगवान श्रीसीताराम के विवाहोत्सव का आयोजन किया गया। पुन: युगल सरकार को झूले पर प्रतिष्ठित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ।
दर्शनावधि बढ़ाने को लेकर उहापोह में रहे ट्रस्ट के पदाधिकारी
अयोध्या में वर्ष पर्यंत तीन मेले (चैत्र रामनवमी, सावन झूला व कार्तिक परिक्रमा) होते हैं। इन मेलों में लाखों श्रद्धालुओं का आगमन सुदूर प्रांतों से होता है। इसके कारण प्रत्येक मेला की निर्धारित तिथि से रामलला के दर्शन की अवधि बढ़ा दी जाती थी। अधिग्रहण के कारण यह व्यवस्था अब तक प्रशासनिक स्तर पर होती थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद स्वामित्व परिवर्तन हो गया और रामजन्मभूमि ट्रस्ट पर व्यवस्था का दायित्व है।
यही कारण पिछली बाद एडीजी की अध्यक्षता में गठित रामजन्मभूमि की स्थाई सुरक्षा समिति ने दर्शनार्थियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखकर दर्शनावधि बढ़ाने की सिफारिश की थी। फिर भी यह निर्णय लेने में रामजन्मभूमि ट्रस्ट के पदाधिकारियों को छह माह का समय लग गया। खास बात यह है कि राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद अब यहां हर दिन मेला लगने लगा है जिसके कारण बराबर दर्शनावधि बढ़ाने का दबाव है।
दो घंटे अतिरिक्त बढ़ाई गयी दर्शनावधि
रामलला के दर्शन की अवधि पहली पाली में सुबह सात बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक और दूसरी पाली में अपराह्न दो बजे से सायं छह बजे तक निर्धारित थी। रामजन्मभूमि ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश कुमार गुप्त ने जानकारी दी कि ट्रस्ट की ओर से दर्शनावधि में अतिरिक्त दो घंटे की वृद्धि की गयी है। नये निर्धारित समय के अनुसार दर्शनार्थियों को अब सुबह सात बजे से मध्याह्न 12 बजे तक व दूसरी पाली में अपराह्न दो बजे से सायं सात बजे तक दर्शन का अवसर मिलेगा। यह व्यवस्था बुधवार से लागू होगी। बताया गया कि यह निर्णय सोमवार की सायं लिया गया जिसके कारण मंगलवार को सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी शेड्यूल तय नहीं हो सका।


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