Moradabad: हॉस्पिटल संचालक और दो दर्जन के खिलाफ मुकदमा दर्ज
"पुलिस मामले की जांच कर रही है'
मुरादाबाद: थाना महावन पुलिस ने हॉस्पिटल संचालक व उसके करीब दो दर्जन से अधिक लोगों ने एक राय होकर हॉस्पिटल पर हो रहे हंगामा की कवरेज करने गये मीडियाकर्मियों के साथ अभद्रता मारपीट कर मोबाइल छीन लिया.इसके विरोध में धरना देने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मोबाइल वापस कराते हुए पीड़ित की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की.पुलिस मामले की जांच कर रही है।
देर रात एक पत्रकार की तहरीर पर थाना महावन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की.इसमें पीड़ित पत्रकार ने आरोप लगाया कि हॉस्पिटल में किशोरी की मौत के बाद परिजनों द्वारा चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मौत पर विरोध करते हुए हंगामा किया.इसकी सूचना पर वह और करीब आधा दर्जन पत्रकार साथी घटना की कवरेज करने गये थे.आरोप है कि जब उन्होंने हॉस्पिटल संचालक डा. भूपेन्द्र सिंह से घटना की जानकारी की तो चिकित्सक ने अपने 25-30 लोगों के साथ एक राय हो मुझ पर हमला बोल लात घूसों से मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर मोबाइल और जेब में रखे 20 हजार रुपये भी छीन लिये.इस दौरान गाली-गलौज देते हुए गला दबाकर जान से मारने का प्रयास किया.साथियों में मुझे बचाया तो डा. भूपेन्द्र सिंह ने जान से मारने की धमकी दी.सूचना पर पहुंची पुलिस ने मोबाइल वापस कराया और पीड़ित पत्रकार की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है.थानाध्यक्ष महावन डेजी पवार ने बताया कि पीड़ित पत्रकार की तहरीर पर चिकित्सक डा. भूपेन्द्र चौधरी व 25-30 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है.पुलिस मामले की जांच कर रही है।
डग्गामार वाहनों के खिलाफ चला अभियान, 17 वाहन पकड़े
डग्गामार वाहनों के अवैध संचालन को रोकने के लिए परिवहन निगम व परिवहन विभाग द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है.1 से 5 तक चलाए गए अभियान के तहत 17 बस व इको गाड़ी को पकड़ा गया.बताते चलें कि डग्गामार वाहनों के संचालन से जहां प्रदेश सरकार का राजस्व बढ़ने की बजाय घट रहा है, वहीं यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.इसी के मद्देनजर मथुरा परिवहन विभाग व मथुरा परिवहन निगम द्वारा 1 से 5 तक अभियान चलाया गया, जिससे अवैध रूप से संचालित वाहनों के चालकों में अफरा-तफरी मच गई.एआरएम मदन मोहन शर्मा व अकाउंटेंट संतोष अग्रवाल ने बताया कि इस अभियान के तहत करीब 17 बस व इको गाड़ी को पकड़ा गया है, जिसमें चार वाहनों के चालान किए गए वहीं 13 वाहनों के कागज पूरे नहीं पाए जाने पर उन्हें सीज कर दिया गया।