लखनऊ: सड़क पर वाहनों की तय रफ्तार से तेज फर्राटा भरने वालों की अब खैर नहीं.परिवहन विभाग पहली बार ओवर स्पीडिंग पर अंकुश लगाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सरेंडर कराने की तैयारी कर रहा है.इसके लिए एनआईसी को पत्र लिखकर ओवर स्पीडिंग में पकड़े जाने वाले वाले वाहन मालिकों के मोबाइल नंबर पर डीएल सरेंडर करने का मैसेज भेजने के लिए साफ्टवेयर बनाने की बात कही है।
अभी तक ओवर स्पीडिंग में चालान होने पर जुर्माना का नोटिस ही भेजा जाता था.भविष्य में ओवर स्पीडिंग में चालान का जुर्माना और डीएल सरेंडर करने के निर्देश दिए जाएंगे.बताते चलें कि कुल सड़क हादसों में ओवरस्पीडिंग के 72 फीसदी मामले होते हैं.इनमें 33 फीसदी लोगों की मौत होती है.इसीलएि परिवहन विभाग और सख्ती करने जा रहा है. फर्राटा भरना वाहन चालकों के लिए महंगा पड़ सकता है।
इंटरसेप्टर वाहन पर लगे हाईस्पीड कैमरे से ओवर स्पीडिंग में चालान काटे जा रहे है.तीन बार पकड़े जाने पर डीएल सरेंडर करने की सूचना भी भेजी जाएगी।
एके सिंह, अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन)
लखनऊ की सड़कों पर गति सीमा
चारबाग से मटियारी तक 40 किमी. प्रति घंटा
चारबाग से सुलतानपुर रोड 40 किमी. प्रति घंटा
मटियारी से देवा रोड पर 40 किमी. प्रति घंटा
दुबग्गा से हरदोई रोड व अवध तक 40 किमी. प्रति घंटा
कमता से शहीदपथ 80 किमी. प्रति घंटा
लखनऊ से कानपुर रोड पर 80 किमी. प्रति घंटा
सफेदाबाद से अयोध्या रोड 80 किमी. प्रति घंटा
लखनऊ से रायबरेली रोड 60 किमी. प्रति घंटा
लखनऊ से सीतापुर रोड 60 किमी. प्रति घंटा
शहर में 40 की रफ्तार तय
शहर के अंदर अधिकतम 40 तो आउटर पर 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार मान्य होगी. वाहनों की गति सड़कों की दशा, लंबाई और चौड़ाई के साथ वाहनों की संख्या पर तय की गई है.वाहनों की रफ्तार पर किए सर्वे में तीन तरह की सड़कों को आधार बनाकर गति सीमा तय की गई है।