सेहत के लिए घातक हाई कैलोरी वाली डाइट एक समान इलाज के लिए बनी नई गाइडलाइन
इलाहाबाद न्यूज़: करीब एक दशक से चल रहे शोध बता रहे हैं कि हम हाई कैलोरी डाइट के रूप में जो भी खाना खाते हैं, उसकी एनर्जी का शत-प्रतिशत इस्तेमाल नहीं हो पाता. इससे अतिरिक्त कैलोरी कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त कर रही है और लोग गुर्दा, नस, आंख और हृदय की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं.
यह बातें रिसर्च सोसायटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (आरएसएसडीआई) यूपी चैप्टर की ओर से एएमए के सभागार में आयोजित 12वें वार्षिक सम्मेलन के दूसरे दिन मधुमेह आज और कल विषय पर वाराणसी से आए पद्मविभूषित डॉ. कमलाकर त्रिपाठी ने कही. उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में सरसों का तेल और शुद्ध घी ही शरीर के लिए फायदेमंद है. इसके अलावा दूसरे खाद्य तेल लोगों के शरीर को तेजी से नुकसान पहुंच रहा है.
वाराणसी से ही आए डॉ. धीरज किशोर ने मधुमेह रोगी में संक्रामक रोग प्रबंधन की चुनौतियां, पुणे के डॉ. संजय अग्रवाल ने मधुमेह से किडनी रोग की रोकथाम और प्रबंधन, प्रो. सरिता बजाज ने महिलाओं में गर्भावस्था के साथ मधुमेह में इंसुलिन थेरेपी, डॉ. सुनील एस. गुप्ता ने मधुमेह के इलाज में स्टेम सेल थेरेपी, डॉ. सुप्रतीक भट्टाचार्य ने मधुमेह में बायोमार्कर के बारे में बताया. डॉ. राजीव चावला ने टाइप-2 डायबिटीज मेलिटस के प्रबंधन में ट्रिपल ड्रग कॉम्बिनेशन, डॉ. बिजय पाटनी ने मधुमेह में टीकाकरण की भूमिका, डॉ. बृज मोहन, डॉ. कन्हैया अग्रवाल, डॉ. अजय तिवारी, डॉ. मनोज इंदुरकर, डॉ. शाकिब खान, डॉ. शालिनी जग्गी और डॉ. अंशुल अग्रवाल ने मधुमेह के प्रबंधन में नई दवाओं से रूबरू कराया. डॉ. अमित डे ने मधुमेह और मुंह के छालों के बारे में चर्चा की. डॉ. सुभाष कुमार, डॉ. मनीषा गुप्ता ने डायबिटीज में डिजिटल केयर के बारे में बताया.
आरएसएसडीआई के इलेक्ट चेयरमैन डॉ. अनुज महेश्वरी ने बताया कि शुगर पीड़ित 80 फीसदी हृदय रोगियों की मौत हो जा रही है. उन्होंने कहा कि अनियमित दिनचर्या होने से लोग शुगर के मरीज बन रहे हैं. डॉ. राजीव चावला ने बताया कि 20 सालों में शुगर की शिकायत बढ़ी है. संस्था के प्रेसिडेंट डॉ. बीएम मक्कर ने बताया कि मधुमेह के इलाज के लिए आरएसएसडीआई की ओर से एक नई गाइडलाइन बनाई गई है. जिसमें सभी चिकित्सकों को बीमारी के इलाज में एक जैसी दवाओं का इस्तेमाल करना होगा.