Agra: न्यू आगरा को विकसित करने के लिए खाका तैयार हुआ
न्यू आगरा अर्बन सेंटर को विकसित करने की प्रक्रिया शुरू
नोएडा: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने 10 हजार हेक्टेयर में बसने वाले न्यू आगरा अर्बन सेंटर को विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. नए आगरा का खाका तैयार हो चुका है.
यह शहर सांस्कृतिक धरोहर, पर्यावरण, यातायात और औद्योगिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बनेगा. यहां पर हॉलीवुड-बॉलीवुड समेत देश दुनिया के प्रसिद्ध पार्क और स्मारकों के मिनिएचर (लघु रूप) विकसित किए जाएंगे. प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि आगरा के अधिसूचित क्षेत्र को न्यू आगरा अर्बन सेंटर के रूप में विकसित किया जाना है.
प्राधिकरण ने शहर को बसाने के लिए अमेरिका की कंपनी ट्रेक्टवेल स्काई ग्रुप ने इंजाइम कंपनी के साथ मिलकर आगरा की अतमातपुर तहसील के 60 गांवों को शामिल कर सर्वे किया. इस दौरान सात हजार घरों, 11 हजार गाड़ी, ट्रक, कार, बस व 135 रियल स्टेट प्रोपर्टी और तीन हजार झुग्गी झोपड़ी के सामाजिक वातारण का अध्ययन किया गया. कंपनी ने सर्वे के साथ ही शहर का बेस मैप तैयार कर लिया है. नए आगरा को मास्टर प्लान 2041 में शामिल करने के लिए इसका ड्राफ्ट बनाकर उत्तरप्रदेश शासन को भेजा जाएगा. बताया गया कि यह शहर खासतौर पर धरोहर, पर्यावरण, यातायात और औद्योगिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा. इस शहर में छोटी छोटी टाउनशिप विकसित की जाएगी. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां पर हॉलीवुड, बॉलीवुड समेत देश दुनिया के प्रसिद्ध स्मारक, म्यूजियम और पार्कों के मिनिएचर बनाए जाएंगे, जिससे शहर को हरा भरा और आधुनिक बनाया जाएगा.
ताजमहल की सुंदरता बरकरार रहेगी: ताज ट्रैपेजियम जोन (टीटीजेड) के तहत ताजमहल के आसपास के क्षेत्रफल को प्रदूषण रहित बनाया जाएगा. यहां पर कोई भी ऐसी गतिविधि नहीं होगी, जिससे ताज की सुंदरता पर किसी भी प्रकार का प्रभाव पड़े और प्रदूषण का कारक बने. इसे लेकर भी कार्ययोजना तैयार की गई है. यहां पर आसपास क्षेत्रों में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के संचालन पर भी पूरी तरह से रोक रहेगी. यहां पर कोई औद्योगिक गतिविधियां भी नहीं होगी, ताज का दीदार करने वाले लोगों को किसी प्रकार की समस्या न हो और ताज की सुंदरता भी बरकरार रह सके.
नया आगरा बसाने के लिए खाका तैयार हो गया है. अब आपत्तियां मांगी गई है. 15 जनवरी तक प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद शहर को मास्टर प्लान में शामिल करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा.
-डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण