वाराणसी कोर्ट में आज फिर होगी ज्ञानवापी मामले में सुनवाई, सर्वे की एक रिपोर्ट कोर्ट में पेश

ज्ञानवापी प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट और वाराणसी के सिविल जजकी अदालत में गुरुवार को सुनवाई होगी।

Update: 2022-05-19 01:45 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्ञानवापी प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट और वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में गुरुवार को सुनवाई होगी। सर्वे के लिए पूर्व में नियुक्त कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने छह और सात मई को हुई कार्यवाही का ब्योरा बुधवार को सिविल कोर्ट में सौंप दिया। कोर्ट ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड में ले लिया है।

अदालत ने पहले अजय कुमार मिश्र को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था। बाद में सूचनाएं लीक करने के आरोपों पर उन्हें हटा दिया गया। दूसरी ओर, 14 से 16 मई के बीच हुई कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट 19 मई को सिविल जज की कोर्ट में पेश की जा सकती है। सिविल जज रवि कुमार ने ज्ञानवापी के सर्वे का आदेश दिया था। वादियों ने शृंगार गौरी और अन्य विग्रहों की वस्तुस्थिति जानने और दर्शन-पूजन के अधिकार के लिए याचिका लगाई है।
ज्ञानवापी परिसर में नंदी के सामने स्थित व्यास कक्ष से ज्योतिर्लिंग का रास्ता है। यहां खोदाई की जाए तो कुछ नए तथ्य सामने आएंगे। बुधवार को यह दावा ज्ञानवापी प्रकरण के वादी पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णु जैन ने किया। उन्होंने कहा कि इंतजार करिए, आगे और भी चौंकाने वाले खुलासे होंगे।
लंग अटैक के चलते 16 मई से रवींद्रपुरी स्थित अग्रिम अस्पताल में भर्ती हरिशंकर जैन बुधवार को डिस्चार्ज हो गए। उन्होंने अस्पताल में ही प्रेसवार्ता बुलाई। कहा कि मेरी अस्वस्थता के बारे में झूठी बातें फैलाई गईं जबकि यह सच है कि तबीयत अचानक बिगड़ गई। ज्ञानवापी के वजूखाने में शिवलिंग मिलने पर उन्होंने कहा कि यह भोलेनाथ की महिमा है। 352 साल से उन्हें कैद रखा गया। पूर्णिमा के दिन स्वयंभू भगवान खुद प्रकट हुए हैं।
फव्वारा है तो चलाकर दिखाएं
शिवलिंग के फव्वारा होने के दूसरे पक्ष के दावे पर हरिशंकर जैन बोले कि अगर फव्वारा है तो उसे चलाकर दिखाएं। ऐसा होता तो उसके ऊपर का हिस्सा टिनशेड से न घिरा होता। हरिशंकर जैन के अधिवक्ता पुत्र विष्णु जैन ने कहा कि फव्वारा है तो इसके नीचे पानी सप्लाई की व्यवस्था भी होगी। हम उसके नीचे जांच की मांग कर रहे हैं। अगर यह फव्वारा है तो दूसरे पक्ष को जांच से ऐतराज क्यों है।
सच छिपाकर बैठे थे, शर्मिंदा होना चाहिए :हरिशंकर जैन ने माहौल खराब करने के आरोपों पर कहा कि माहौल सामान्य रखना सिर्फ एक पक्ष की जिम्मेदारी नहीं होती। उन्हें शर्मिंदा होना चाहिए जो सदियों से सच छिपाकर बैठे थे। अब शिवलिंग मिलने पर आरोप लगा रहे हैं। हम कानून के रक्षक हैं। हमारा काम सच को सामने लाना है। सच सामने लाना इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है।
ओवैसी को कानून का ज्यादा ज्ञान : जैन
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर हरिशंकर जैन ने पलटवार किया। कहा कि उन्हें कानून का ज्ञान ज्यादा होगा मगर मैं सच की बात करूंगा। वह कह रहे हैं कि वहां मसजिद थी, मैं कह रहा हूं कि वहां शिवलिंग है। एक बात तो साबित है कि जो पूजा स्थल किसी एक धर्म का होता है वहां किसी दूसरे धर्म की पूजा मान्य नहीं होती।
जांच में पता चलेगी शिवलिंग की गहराई
अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि इस काम की शुरुआत में सभी ने हमारी आलोचना की थी। भगवान अब सामने आ गए हैं और सत्य की जीत हुई। हम खोदाई की मांग करेंगे। जांच के बाद पता चलेगा कि शिवलिंग का विस्तार नीचे कहां तक है। उन्होंने कहा कि हम यह लड़ाई अपनी आखिरी सांस तक लड़ेंगे। स्वास्थ्य ठीक रहा तो अगली सुनवाई में फिर बनारस आएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि ज्ञानवापी में शीघ्र भव्य मंदिर बनेगा।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड राष्ट्रपति से मिलेगा
आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने ज्ञानवापी मामले के ताजा घटनाक्रम पर कड़ा विरोध करते हुए अपनी आगे की रणनीति तय की है। बोर्ड इस रणनीति के तहत कानूनी लड़ाई तो लड़ेगा ही साथ ही राष्ट्रपति से मिलेगा। वहीं सियासी दलों को भी लामबंद किया जाएगा। माना जा रहा है कि बोर्ड इस मुद्दे पर आन्दोलन भी कर सकता है। यह बात मंगलवार की देर रात बोर्ड की आनलाइन हुई बैठक में तय हुई। बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैय्यद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक की जानकारी प्रवक्ता कासिल रसूल इलियास ने दी। उन्होंने बताया, बैठक में उपासना स्थल विशेष (उपबंध) अधिनियम-1991 पर चर्चा हुई। 18 सितम्बर 1991 को पारित हुए इस अधिनियम में है कि भारत में 15 अगस्त 1947 को जो धार्मिक स्थान जिस स्वरूप में था, वह उसी स्वरूप में रहेगा, उसकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा।

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