वेतन बढ़ाने और राज्यकर्मचारी की मान्यता के लिए ASHA Sangini कार्यकर्त्रियों की बड़ी बैठक

Update: 2024-07-30 12:34 GMT
Lucknow लखनऊ: आल आशा एवं आशा संगिनी कार्यकत्री सेवा समिति के राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रदेश पदाधिकारियों, राज्य कार्यकारिणी सदस्यों, जिलों के अध्यक्ष और पदाधिकारियों की अतिमहत्वपूर्ण बड़ी बैठक एवं प्रेसवार्ता का आयोजन, आज यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित यूपी प्रेस क्लब के बड़े सभाकक्ष में किया गया। आल आशा एवं आशा संगिनी कार्यकत्री सेवा समिति के राष्ट्रीय संरक्षक, आशीष तिवारी के मार्गदर्शन में निर्मल त्यागी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पुष्पा तिवारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, उषा सिंह, राष्ट्रीय सचिव, मनीषा यादव, प्रदेश अध्यक्ष, उर्मिला सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष, किरण, प्रदेश सचिव सहित प्रदेश के कार्यकारिणी वा जिला नगर के पदाधिकारी की मौजूदगी में आज एक बड़ी बैठक संपन्न हुई।
राष्ट्रीय संरक्षक, आशीष तिवारी ने बताया कि इन अहम मांगों को लेकर आशा बहने, पिछले काफी समय से संघर्षरत रही है। कई बार समिति के हजारों कार्यकर्ताओं ने अपनी इन मांगों को लेकर राजधानी में धरना/ प्रदर्शन भी आयोजित किया है। समिति ने आज यहां एक बड़ी बैठक आयोजित कर अपनी मांगो पर व्यापक चर्चा की है। चर्चा के उपरांत समिति ने एक प्रेसवार्ता के माध्यम से योगी सरकार से ये मांगे रखी है। जो बिंदावर निम्नलिखित है।
1- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना आशाओं से लेकर आंगनबाड़ियों को दे दिया गया है उसे पुनः आशाओं को वापस दिया जाए।
2-आशा एवं आशा संगीनियों को प्रोत्साहन राशि के बदले एकमुश्त सम्मानजनक मानदेय दिया जाए।
3-आशा एवं आशा संगीनियों के रिटायरमेंट के समय एक सम्मानजनक धनराशि दी जाए जिससे वह अपना शेष बचा हुआ जीवन अच्छे से जी सकें।
4-आशा एवं आशा संगिनी के पद पर कार्यरत बहन बीमारी अथवा दुर्घटना की वजह से असमय काल के गाल में समा गई हैं, उनके परिवार को 30 लख रुपए आर्थिक सहायता दी जाए तथा आशा की नियुक्ति में उनके परिवार के योग्य सदस्य को वरीयता दी जाए।
5-आशा एवं आशा संगिनी का कार्य डिजिटल हो गया है, इसके लिए उनको टैबलेट अथला लैपटॉप प्रदान किया जाए।
6-आशा संगिनी का कार्य क्षेत्र बहुत बड़ा होता है, इसलिए संगिनी को इलेक्ट्रिक स्कूटी प्रदान की जाए।
7- जो इंसेंटिव 2006 में थी वही इंसेंटिव आज भी चली आ रही है।
9- 10 दिन का प्रोग्राम फाइलेरिया चलता है, उसमें केवल 125 रुपया दिया जाता है।
10- आशा संगिनी 25 से 30000 की आबादी पर काम करती हैं और उनके इंसेंटिव केवल 23 दिन का बनता है। जबकि 30 दिन का काम उनसे लिया जाता है, इसलिए उनके इंसेंटिव का भुगतान 30 दिन का किया जाए।
इस मौके पर बड़ी संख्या में समिति के नए पदाधिकारी और कार्यकताओं को मनोनयन पत्र भी वितरण किया गया।
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