दुनिया के सबसे सूखे रेगिस्‍तान में फूल खिल जाएं तो वहां कैसा होगा नजारा...इन तस्वीरों में देख सकते है आप

फूल खुशनुमा जीवन के प्रतीक होते हैं. जरा सोचिए कि जब दुनिया के सबसे सूखे रेगिस्‍तान (World's Driest Desert) में फूल (Flowers) खिल जाएं तो वहां कैसा नजारा होगा

Update: 2021-10-24 09:36 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |     फूल खुशनुमा जीवन के प्रतीक होते हैं. जरा सोचिए कि जब दुनिया के सबसे सूखे रेगिस्‍तान (World's Driest Desert) में फूल (Flowers) खिल जाएं तो वहां कैसा नजारा होगा. चिली का अटकामा रेगिस्‍तान (Chile's Atacama Desert) जो कि हमेशा रेत के टीलों से ढंका रहता है वह अब बैंगनी फूलों (Purple Flowers) की चादर से ढंक गया है. बंजर रेगिस्‍तान में खिले इन फूलों ने इस जगह को मानो नई जिंदगी दे दी है. वहीं सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो को देखकर लोग इसे चमत्‍कार बता रहे हैं.

दुनिया के सबसे सूखे और बेजान रेगिस्‍तान में करीब 200 प्रजातियों के फूलों के बीज (Flower's Seeds) लगाए गए थे, जिनमें से कुछ प्रजातियों के फूल खिल गए हैं. ये बीज ऐसे हैं जो भीषण गर्मी में भी जीवित रह सकते हैं.मेट्रो यूके की रिपोर्ट के मुताबिक चिली के इस रेगिस्‍तान में साल में 1 इंच से भी कम बारिश होती है, जिसके चलते यहां पूरे साल सूखा ही पड़ा रहता है. हालांकि यहां डाले गए बीज ऐसे थे जो बेहद गर्मी में भी कई सालों तक जीवित रह सकते हैं. फूलों की इन 200 प्रजातियों में से कुछ ऐसी हैं जो धरती पर चिली के अलावा शायद ही कहीं मिलती हैं.
अटाकामा के रेगिस्तान को फूलों का रेगिस्‍तान भी कहते हैं क्‍योंकि 5 से 10 सालों में केवल यही फूल हैं जो यहां खिलते हैं. इसके अलावा यहां की भीषण गर्मी के कारण कोई दूसरी वनस्‍पति पैदा ही नहीं हो पाती है.इतनी कम बारिश के बाद भी यहां फूल उगने की घटना को कुछ लोग चमत्‍कार मानते हैं तो कुछ लोग इसके पीछे रहस्‍य होने की बात कहते हैं. खैर, कारण जो भी हो लेकिन इन बैंगनी फूलों के कारण कुछ समय के लिए ही सही यह बंजर रेगिस्‍तान जिंदगी से भरपूर नजर आने लगता है.
हालांकि वैज्ञानिक चिंतित हैं कि तेजी से गर्म हो रहा ग्रह कहीं इस अनूठी घटना को खत्‍म न कर दे. बायोलॉजिस्‍ट एंड्रिया लोइजा कहती हैं, 'यह जगह एक प्राकृतिक प्रयोगशाला है. यह हमें बताती है कि बारिश में हो रहे परिवर्तन पौधों की विविधता को कैसे प्रभावित करते हैं.' बता दें कि 2007 और 2011 को छोड़ दें तो हमेशा से यहां 1 इंच से कम बारिश होने की प्रवृत्ति रही है.


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