गैंग के तार सांचौर से जुड़े, जयपुर में कोचिंग सेंटर संचालक ने उपलब्ध कराया पेपर
उदयपुर न्यूज़: आरपीएससी की वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हो जा रहे अभ्यर्थियों को चलती बस में ही वाट्सएप पर मिले प्रश्न पत्र से सवाल हल करवाने के मामले के तार जालोर के सांचौर से जुड़े हैं। जयपुर से पेपर जालोर पहुंचा था। उदयपुर जिले के बेकरिया थाना क्षेत्र में पकड़ी गई नकल बस में दो परिवार के पांच लोग मास्टर माइंड का काम कर रहे थे, जो बस में लगे स्पीकर के माध्यम से अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व करवा रहे थे। इस गैंग में मास्टर माइंड सुरेश विश्नोई, उसके बहनोई सुरेश ढाका के अलावा बस चालक और उसके चाचा व मामा के पुत्र शामिल हैं। जांच में यह भी सामने आया कि सुरेश विश्नोई ने इस बस को एक लाख रुपए में किराए पर लिया था।
चलती बस में नकल का आइडिया जीजा-साले का: पुलिस की प्रारम्भिक जांच के अनुसार पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड सुरेश विश्नोई, सुरेश ढाका और भूपेंद्र हैं। सुरेश ढाका ने ही उसके साले सुरेश विश्नोई और भूपेंद्र को जयपुर से पेपर उपलब्ध करवाया था। ढाका जयपुर में कोचिंग सेंटर चलाता है। ये सभी आरोपी 15 दिनों पूर्व से ही पेपर लीक करने की पूरी प्लानिंग कर रहे थे। चलती बस में नकल कराने का आइडिया जीजा-साले का ही था। इसके पीछे मंशा थी कि एक ही जगह के अभ्यर्थी रहें तो बात ज्यादा नहीं फैले।
बस मालिक को था सब पता: जांच में सामने आया कि सभी अभ्यर्थियों से अग्रिम राशि लेने के बाद गिरोह के सामने सबसे बड़ा चैलेंज था कि अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व कराने के लिए कैसे लेकर जाएं। तब सुरेश विश्नोई और भूपेंद्र ने सांचोर से उदयपुर ले जाने के लिए बस की। बस आरके ट्रेवल्स के मालिक राकेश कुमार की है, जिसे इस योजना की पूरी तरह से जानकारी थी। बस मालिक जालोर के हेमागुढ़ा का रहने वाला है। राकेश कुमार ने बेटे पीराराम को ही बस लेकर भेजा था। ड्राइवर पीराराम ने उसके मामा और चाचा के लड़कों को भी पेपर सॉल्व करवाने के लिए बस में बैठा लिया था।
ये आए पकड़ में: पुलिस ने बताया कि बस से गुंदाउ, जालोर निवासी दिनेश पुत्र मग्गाराम चौधरी, जगदीशकुमार पुत्र केशाराम, परावा निवासी कमलेश पुत्र मनोहरलाल, रतनाणियों की ढाणी निवासी सुनीलकुमार पुत्र रघुराम, बीढाणी निवासी कपिल पुत्र गणपतलाल विश्नोई, विश्नाई की ढाणी निवासी दिनेश पुत्र तेजाराम विश्नाई, अरणाय निवासी सुरेश पुत्र मायंगाराम चौधरी, धुरवाज निवासी नगेंद्र पुत्र महादेवाराम, धमाणा का गोलिया निवासी सुभाष पुत्र भगवानाराम, केरिया निवासी मगनलाल पुत्र हेमाराम, भाटिप निवासी सुनीलकुमार पुत्र जालाराम, बिछावारी निवासी रमेश पुत्र कृष्णलाल पुरोहित, करावड़ी निवासी श्रवण पुत्र शैतानाराम, धमाणा निवासी भेराराम पुत्र रायचंदराम, ईसरवल निवासी सुखदेव पुत्र गंगाराम, जालोर निवासी नागराज पुत्र नेनाराम, सुर्जनानियों की ढाणी निवासी लुणाराम पुत्र ठाकराराम, वाड़ा भाड़वी निवासी रमेशराम पुत्र बगदाराम, दांतासर नाउ निवासी बदराराम पुत्र मेगाराम, चितलवाना निवासी लाभुराम पुत्र दमाराम, सुरतों की ढाणी निवासी सुरेश पुत्र रामलाल विश्नाई, बीकानेर निवासी संतोष पत्नी महेशकुमार विश्नाई, सांचोर निवासी गंगाराम पुत्र बगताराम मेघवाल, केरवी निवासी भजनलाल पुत्र बाबूलाल, देवड़ा निवासी रमेश पुत्र देवाराम, रणोदर निवासी सुनील पुत्र प्रेमाराम विश्नाई, नीतीश पुत्र बुद्धाराम विश्नाई, जालोर निवासी महेंद्र पुत्र पौषाराम प्रजापत, बालेरा निवासी अर्जुन पुत्र पारसाराम जोशी, सारणों की ढाणी निवासी सांवलाराम पुत्र रावताराम, सेवाड़ा निवासी सोवनीकुमारी पुत्री हरीशचंद्र, सांचोर निवासी सरोज पुत्री सुखराम खोखर, डेडवा निवासी मेनका पुत्री पुरखाराम, सांचोर निवासी निवेदिता पुत्री नरेंद्र शर्मा, करावड़ी निवासी रघुनाथराम पुत्र शैतानाराम, विश्नोईयों की ढाणी निवासी केहराराम पुत्र नारणाराम, धमाणा निवासी अरविंद पुत्र रामलाल, बीढाणी निवासी जयश्री पुत्री बाबूलाल विश्नाई, पुर सांचोर निवासी भजनलाल पुत्र मोहनलाल विश्नाई, मांडी माई जोधपुर निवासी गणेश पुत्र सतपाल जाट, सीतलवाना निवासी नरेश पुत्र भागीरथराम विश्नाई, डागरा निवासी रतनाराम पुत्र होमाराम चौधरी, रिड़िया धोरा निवासी सुरेश पुत्र जगदीशराम विश्नाई व हेमा गुड़ा निवासी पीराराम पुत्र रघुनाथाराम शामिल है।
डील होते ही बस में लगाया जीपीएस: जांच में यह भी सामने आया कि बस पहले लोक परिवहन सेवा के तहत परमिट पर चलती थी। पिछले 7 महीनों से बस जालोर जिले के सिंवाड़ा चौकी के पास हाईवे पर खड़ी हुई थी, जहां पर राकेश कुमार के रिश्तेदारों के खेत हैं। पेपर सॉल्व कराने की डील हुई तो बस में जीपीएस भी लगवाया गया। मास्टर माइंड जीपीएस के जरिए बस को कंट्रोल कर रहे थे। पुलिस ने फिलहाल सुरेश विश्नोई और डॉक्टर भजनलाल को गिरफ्तार किया है। पेपर उपलब्ध करवाने वाले सुरेश के बहनोई सुरेश ढाका की तलाश जारी है।