कांग्रेस पर बीजेपी नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने साधा निशाना, कहा- कांग्रेस आलाकमान मजबूत नहीं, मजबूर

राजस्थान में सियासी संकट जारी है और अब कांग्रेस के इस घटना को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर होती नजर आई है।

Update: 2022-10-03 05:03 GMT

न्यूज़ क्रेडिट : aapkarajasthan.com

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान में सियासी संकट जारी है और अब कांग्रेस के इस घटना को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर होती नजर आई है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से रविवार को दौसा में प्रबुद्धजन सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और बीजेपी सांसद जसकौर मीणा मौजूद रहीं। प्रबुद्धजन सम्मेलन में भाग लेने आए उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है।

नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप भाजपा पर लगाए थे। यदि उनके पास प्रमाण हैं तो वे चुप क्यों बैठे हैं। क्योंकि सरकार और एसीबी भी उनकी है। उन्होंने कहा कि चोर की दाढ़ी में तिनका है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार बचाने के लिए प्रलोभन देकर विधायकों को मंत्रियों के दर्जे दिए ताकि असंतोष कम हो सके। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में सभी विधायक और चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के प्रत्याशी मिनी मुख्यमंत्री बन चुके हैं और जब सरकार पांच सितारा होटल में बैठी थी तब करोड़ों रुपए की खानों का आवंटन किया गया।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा ने कभी नहीं कहा कि मुख्यमंत्री और पीसीसी अध्यक्ष अलग-अलग धड़ों में बैठे और होटलों में रहे। उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब राजस्थान में आलाकमान ने पर्यवेक्षक भेजे तो कलई खुल गई और दो गुट आपस में एक दूसरे को ललकारने लगे। ऐसे में के मुख्यमंत्री के की ओर से भाजपा पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का आलाकमान मजबूत नहीं है और मजबूर है। क्योंकि कांग्रेस पूरे देश में सिमटी हुई है। एक जमाने में अटक से कटक तक शासन करने वाली कांग्रेस केवल दो सूबों में सिमट चुकी है और आने वाले समय में राजस्थान में भी वजूद खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा करने से पहले कांग्रेस तोड़ो यात्रा बंद हो क्योंकि प्रत्येक सप्ताह कांग्रेस का कोई ना कोई नेता कांग्रेस के जहाज से उतर रहा है। और कांग्रेस खंड खंड हो रही है
इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत तो जुड़ा हुआ है। जब कांग्रेस का देश में 52 साल शासन रहा तब क्या भारत खंडित था। ऐसे में यह है यात्रा हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 90 से अधिक विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा दे दिया है ऐसे में अब गेंद विधानसभा अध्यक्ष के पाले में है। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष अनिश्चितकाल के लिए इन इस्तीफों को लेकर नहीं रख सकते। उन्हें निर्णय लेना होगा। उन्होंने कहा कि यदि इस्तीफे पर स्वीकार किए जाते हैं और कांग्रेस के वीर विधायक इस्तीफे देने पर अड़े रहे तो प्रदेश में मध्यावधि चुनाव होंगे।
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